गुलशन कुमार हत्याकांड: हाई कोर्ट ने मर्चेंट की उम्रकैद को रखा बरकरार, कहा- दोषी उदारता का हकदार नहीं
मशहूर टी-सीरीज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार की हत्या के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने दोषी अब्दुल रऊफ उर्फ दाऊद मर्चेंट की सजा को बरकरार रखा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
मुंबई: गुलशन कुमार हत्याकांड से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। हाई कोर्ट ने इस मर्डर केस के एक दोषी अब्दुल रऊफ उर्फ दाऊद मर्चेंट की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट ने साफ कहा कि अब्दुल रऊफ किसी तरह की उदारता का हकदार नहीं है। वहीं, राज्य सरकार की तरफ से रमेश तुरानी वाली चुनौती को कोर्ट ने ठुकरा दिया है। रमेश तुरानी को हाई कोर्ट ने बरी कर दिया है।
उम्र कैद की सजा पाये अब्दुल रऊफ अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का साथी है। उसे सेशन कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने भी उम्र कैद की सजा को बरकार रखते हुए कहा कि दोषी अब्दुल रऊफ किसी तरह की उदारता का हकदार नहीं है क्योंकि वह पहले भी पैरोल के बहाने बांग्लादेश भाग गया था।
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हाईकोर्ट में आज कुल चार अपीलें सूचीबद्ध थीं, जिनमें तीन अपीलें हत्या के आरोपी राउफ मर्चेंट, राकेश खाओकर के खिलाफ है। वहीं एक अपील महाराष्ट्र सरकार की थी। यह बॉलीवुड प्रोड्यूसर रमेश तौरानी को बरी करने के खिलाफ थी। उन पर हत्या के लिए उकसाने का आरोप था, जिससे उनको बरी कर दिया गया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने बाकी दोषियों की अर्जियों को आंशिक रूप से सुनने की बात कही है।
बता दें कि मशहूर टी-सीरीज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार की 12 अगस्त 1997 में मुंबई के जुहू इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मंदिर के बाहर उनके शरीर को 16 गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इस मर्डर केस से पूरे बॉलीवुड में सनसनी मच गई थी। इस केस में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, वहीं कुछ पर मुकदमे चल रहे हैं।
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