लोगों को कर्महीन और भाग्यवादी बनाता जा रहा है अंधविश्वास, जानिए कैसे फैलता पाखंड

डीएन ब्यूरो

आज की भागती दुनिया में एक तरह जहां लोगों के बीच आपस में विश्वास की कमी हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अंधविश्वास भी है। पढ़े अंधविश्वास जुड़ी ये खास रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़

अंधविश्वास से दूर रहने की करें कोशिश (फाइल फोटो)
अंधविश्वास से दूर रहने की करें कोशिश (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: आज की भागती दुनिया में एक तरफ जहां लोगों के बीच आपस में विश्वास की कमी हो रही हैं, लेकिन इसके बावजूद लोगों का एक बड़ा हिस्सा अंधविश्वास शिकार बना हुआ है। 

सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, आज हर एक तीसरा व्यक्ति अंधविश्वास शिकार हैं, फिर चाहे वो पढ़ा लिखा हो या अनपढ़। 

क्या हैं अंधविश्वास
हमारे समाज में कुछ ऐसी मान्यताएं प्रचलित हैं, जिन्हें अंधविश्वास कहा जाता है। अंधविश्वास में व्यक्ति आलौकिक शक्तियों में विश्वास करता है। शक्तियों के अस्तित्व में विश्वास रखता है, जो कि प्रकृति के नियमों की पुष्टि नहीं करता है और न ही ब्रह्मांड की वैज्ञानिक समझ रखता है। अंधविश्वास व्यापक रूप से फैला हुआ है। आलौकिक प्रभाव में तर्कहीन विश्वास होता है। 

ऐसे फैलता है अंधविश्वास 
अंधविश्वास एक तर्कहीन विश्वास है, जिसका आधार अलौकिक प्रभावों की मनगढ़ंत व्याख्या है। अधिकांश भारतीयों का अंधविश्वासों में एक अविश्वसनीय विश्वास है, जो प्रायः आधारहीन होते हैं।

भारत में लोगों को भगवान में काफी आस्था हैं, जिसका कई लोग गलत तरीके से फायदा उठाते हैं। ईश्वर में आस्था जरुरी हैं। जीवन को दिशा देने के लिए मन में श्रद्धा होना जरुरी हैं, लेकिन सही गलत का विचार भी जरुरी हैं।

अंधविश्वास का सबसे बड़ा कारण डर है। अंधविश्वास लोगों को कर्महीन और भाग्यवादी बनाने का काम कर रहा हैं। अंधविश्वासों के कारण भारत की अधिकांश जनता वहमपरस्त बनकर निर्णयहीन, डरी हुई और धर्मभीरू बनी हुई है।

पिछले कुछ महीनों से हम महामारी और कई अन्य परेशानियों का सामना कर रहे हैं। जिससे जनमानस में डर फैला हुआ है। जिसका कुछ लोग फायदा उठाते हुए अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे हैं।

लोकप्रिय अंधविश्वास
कुछ अंधविश्वास लोगों के व्यक्तिगत जीवन तक ही सीमित है जैसे 'बिल्ली को देखकर रास्ता बदलना', छींक आने पर रुकना, कांच टूटना, कौआ की आवाज सुनकर कहते हैं घर में मेहमान आयेगा, हथेली में खुजाल हो तो पैसा मिलेगा, पैर में खुजाल हो तो कहीं बाहर जाने का योग हैं, इसी तरह के कई और अंधविश्वास है जो लोगों के बीच काफी पॉपुलर है। 

समाज में फैला अंधविश्वास 

1. समाज में फैला अंधविश्वास-दूर करने के लिए हम सब का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। जब समाज में लोग शिक्षित होगे, अंधविश्वास खुद ही दूर हो जाएगा।

2. समाज में फैले हुए अंधविश्वास को दूर करने के लिए हमें अपनी पुरानी सोच को बदलना होगा।  पुरानी सोच को खत्म करके , नया सोचना चाहिए। पुराने रीति-रिवाजों , पुरानी प्रथाओं को खत्म करना होगा।
3. लड़कियों के साथ भेद-भाव को खत्म करना होगा।
4. आधुनिक तकनीकों को अपनाना चाहिए।
5. सबका शिक्षित होना होना जरूरी है, शिक्षा मनुष्य को नया रास्ता दिखती है, शिक्षित मनुष्य कभी भी अंधविश्वास में कभी विश्वास नहीं करता है।
6. शिक्षित मनुष्य हमेशा नई सोच को अपना कर अपने ने रास्ते खोजता है।
7.  अपने आप पर भरोसा, कड़ी मेहनत लगन और संकल्प से अपने पथ पर चलने वालों को मंजिल मिलती ही हैं। इसके लिए कोई टोटका काम नहीं आता, मेहनत ही वो आखरी टोटका हैं जो आपको आपकी मंजिल तक पहुँचा सकता हैं।
8. सच्चाई का सहजता से स्वीकार करें।  हमें सफलता मिलती हैं कई बार असफलता हाथ आती हैं। हम निराश हो जाते हैं जबकि हमें  खुद को परखने की जरुरत हैं कि क्या वास्तव में हम जिस राह पर हैं हम उसके लायक हैं या नहीं। अगर हैं तो हमें गलतियों से सीख कर आगे बढ़ना चाहिए और अगर आपको जवाब मिलता हैं कि नहीं हम लायक नहीं हैं तो उसे सहर्षता से स्वीकार करना चाहिये और अपने लिए नया और अपनी काबिलियत के मुताबिक रास्ता ढूंढना चाहिए।










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