महराजगंज: रातों-रात बिना नोटिस के निकाले गये 22 आउटसोर्सिंग कर्मचारी, सिसवा नगर पालिका प्रशासन सवालों में, धरना-प्रदर्शन

डीएन ब्यूरो

सिसवा नगर पालिका प्रशासन ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए बिना किसी नोटिस के 22 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को काम से निकाल दिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



सिसवा बाजार (महराजगंज): सिसवा नग रपालिका परिषद में हाल में हुए उपचुनाव के बाद कमेटी के शपथ ग्रहण को चार दिन भी नहीं हुए कि पालिका प्रशासन सुर्खियों में आ गया। नगर पालिका कार्यालय में शनिवार को आउटसोर्सिंग पर कार्य कर रहे लगभग 22 कर्मचारियों रातों-रात बिना किसी नोटिस के काम से निकाल दिया गया। जिसके विरोध में कर्मचारियों ने कार्यालय परिसर में धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया।

कार्यमुक्त किए गए आउटसोर्सिंग तैनात रिजु जायसवाल, त्रिभुवन यादव, दीपक निषाद, अज़ीमुल्लाह अंसारी,धीरज मोदनवाल, राजेश गुप्ता, रामहरख, विनय यादव, त्रिलोकी कुमार, आशीष सोनी , पवन गुप्ता, सुभास मधेशिया, गजेंद्र पटेल, पुनम सोनी, आरती गुप्ता, अनिता गुप्ता, बालेंदु उपाध्याय, सुग्रीव गुप्ता, बदरी, शम्भू सहित 22 कर्मचारियों ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व लखनऊ की एक फर्म द्वारा सभी कर्मचारियों को कार्य पर रखा गया था। 1 अप्रैल को हम लोगों ने कार्यालय के रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के बाद ड्यूटी किया। लेकिन शनिवार को जब हम काम पर आए तो कार्यालय के रजिस्टर से हम लोगों का नाम गायब मिला। हम लोगों के नाम के स्थान स्थान पर दूसरे कर्मचारियों की नई नियुक्ति कर नाम चढ़ा दिया गया है।    

प्रदर्शन करते निकाले गये कर्मचारी 

कर्मचारियों ने बताया कि सितंबर 2021 से ठीकेदार द्वारा पीएफ काटा जा रहा था। लेकिन न तो पीएफ का एकाउंट आज तक खुला और ना ही आज तक पीएफ मिला है। और तो और हमें  दो माह का वेतन भी नहीं मिला है। ऐसे में हम कर्मचारी भूखमरी का शिकार हो जाएंगे। 

अधिशासी अधिकारी रामदुलारे यादव  से पूछने पर उन्होंने बताया कि हम लोगों को काम से निकाल दिया गया है। इस मामले में पूछे जाने पर अध्यक्ष प्रतिनिधि गिरिजेश जायसवाल ने बताया कि जिस कंपनी के का ठिका था। उसका ठिका 31 मार्च 2022 को खत्म हो गया है। इसलिए कुछ कर्मचारियों को कार्यमुक्त किया गया है। जिन कर्मचारियों को कार्य करना होगा वे अपना नवीनीकरण करा सकते हैं। जबकि ईओ रामदुलारे यादव का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। निकाले गए कर्मचारी फ्रीडम इंफ्रांस्ट्रक्चर कंपनी द्वारा कार्य पर रखे गए थे। जिसके ठीके की अवधि समाप्त हो गई है। 










संबंधित समाचार