Maha Shivaratri 2024: महाशिवरात्रि पर श्री पुथियाकावु मंदिर में पोंगाला उत्सव, जानिये इसकी खास बातें

डीएन ब्यूरो

इसे दुर्लभ संयोग ही कहा जायेगा कि इस बार महाशिवरात्रि यानी 8 मार्च के दिन श्री पुथियाकावु भगवती मंदिर का वार्षिक पोंगाला उत्सव आयोजित किया जाएगा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

पोंगाला उत्सव
पोंगाला उत्सव


नई दिल्ली: इसे दुर्लभ संयोग ही कहा जायेगा कि इस बार महाशिवरात्रि यानी 8 मार्च के दिन श्री पुथियाकावु भगवती मंदिर का वार्षिक पोंगाला उत्सव आयोजित किया जाएगा। पोंगाला उत्सव में सैकड़ों श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।

श्री पुथियाकावु भगवती मंदिर केरल के करुनागप्पल्ली में स्थित है। मंदिर में इस साल लगभग 50,000 भक्त भगवान को पोंगाला चढ़ाएंगे। इसके लिये यहां व्यापक स्तर पर सुरक्षा समेत तमाम तरह की व्यवस्थाएं की गई है। इस दौरान मंदिर को रोशनी, दीपक, केले, नारियल के पत्तों, फूलों आदि से सजाया जाता है। पोंगाला पकाने के लिए आग शुरू करने के लिए मंदिर से पवित्र अग्नि निकाली जाती है।

नीलाविलक्कु से उत्सव का शुभारंभ

सबरीमाला के पूर्व मेलशांति और मंदिर के मुख्य पुजारी एन. बालमुरली गर्भगृह के सामने 'नीलाविलक्कु' जलाकर उत्सव का शुभारंभ करेंगे। फिर आग को पंडारा अदुप्पु में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जो अनुष्ठान की शुरुआत का प्रतीक है।

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पोंगाला अनुष्ठान की खास बातें

पोंगाला अनुष्ठान में मंदिर के बाहर देवता के लिए 'प्रसाद' तैयार किया जाता है। महिलाएं मिट्टी के बर्तनों में चावल और गुड़ पकाती हैं और इसे देवी को अर्पित करती हैं। वे चावल के पाउडर और गुड़ का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के मीठे व्यंजन भी पकाते हैं। नारियल के पेड़ के पत्तों का उपयोग 'प्रसाद' पकाने के लिए किया जाता है।

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कई स्वयंसेवक मौजूद
इस उत्सव के लिये कोल्लम शहर के ब्लॉकों में स्वयंसेवक मौजूद रहेंगे। प्रत्येक ब्लॉक में, स्वास्थ्य विभाग, केरल जल प्राधिकरण, कोल्लम शहर निगम, पुलिस, रेलवे सुरक्षा बल और अग्निशमन एवं बचाव सेवा कर्मियों की सेवा के साथ-साथ 10 सेवकों और पांच सेविकाओं की सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। 

मंजनीरट्टू अनुष्ठान दोपहर करीब 12.30 बजे आयोजित किया जाएगा। और उसके तुरंत बाद पवित्रीकरण समारोह किया जाएगा। पुजारियों द्वारा भक्तों द्वारा तैयार प्रसाद पर पवित्र जल छिड़कने के साथ ही पोंगाला पूरा हो जाएगा।










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