यूपी एसटीएफ ने देश भर में फैले इस ‘बड़े अधिकारी’ के जाल का यूं किया पर्दाफाश, गिरफ्तार कर भेजा जेल

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश शासन का उच्च अधिकारी बनकर लाखों रूपये की धोखाधड़ी करने के मामले का यूपी एसटीएफ ने पर्दाफाश कर दिया है। पढिये पूरी खबर

फाइल फोटो
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लखनऊ: यूपी एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश के निर्देशन में उनकी टीम लगातार कई बड़े मामलों का खुलासा करती रही है। एसटीएफ ने फिर एक ऐसे मामले का खुलासा किया, जिसमें उनकी टीम के सामने ‘यूपी शासन के एक बड़े अधिकारी’ को गिरफ्तार करने की बड़ी चुनौती थी। लेकिन एसटीएफ ने बेहद उम्दा तरीके से इस कथित अधिकारी को गिरफ्तार कर और जेल भेजकर बड़ा सबक भी सिखा दिया।

दरअसल इस मामले की असली पटकथा किसी फिल्म की कहानी से कई अधिक मजबूत है। यूपी में इस कहानी की शुरूआत फरवरी 2020 में हुई और उसकी एंडिंग अब लगभग चार माह बाद यूपी एसटीएफ द्वारा खलनायक की गिरफ्तारी से की गयी। इस कहानी के शुरूआत 20 फरवरी को यूपी राजकीय निर्माण निगम के प्रोजक्ट मैनेजर से मोबाइल पर 8 लाख रूपये मांगे जाने की धोखाधड़ी से हुई। कॉलर ने खुद को यूपी शासन का एक बड़ा अधिकारी बताया। जिसके बाद प्रोजक्ट मैनेजर राजमणी ने पुलिस ने शिकायत दर्ज करायी।

यूपी एसटीएफ ने इस मामले में दो अभियुक्तों सुनील गौतम और गणेश तिवारी को बिहार से गिरफ्तार किया। लेकिन मामले का मुख्य अभियुक्त फरारा पाया गया। बैंक खाते समेत अन्य सूचनाओं के आधार पर एसटीएफ ने मुख्य अभियुक्त रंजन कुमार मिश्रा को भी अब जमेशदपुर, झारखंड से गिरफ्तार कर लिया। 

एसटीएफ की जांच में सामने आया कि अभियुक्त रंजन कुमार खुद को शासन में उच्च अधिकारी बताकर लाखों रूपये की धोखाधड़ी करता है। इससे पहले भी वह 2008 झारखंड के तत्कलीन मंत्री अर्जु मुंडा से भी 40 लाख की धोखाधड़ी कर चुका है। इसके अलावा वह देश भर  में कई अन्य लोगों और अधिकारियों को लूट चुका है। वह शासन में खुद को अलग-अलग विभागों का उच्चाधिकारी बनकर कॉल करता था और अलग-अलग तरीकों से आर्थिक धोखाधड़ी करता था। 

इस फर्जी अधिकारी के खिलाफ राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों  में इसी तरह की धोखाधड़ी से जुड़े कम से कम 14 मामले दर्ज में, जिसमें सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से जुड़े है। इस फर्जी अधिकारी का यह जाल लगभग पूरे देश में फैला था, जो अपनी गैंग के जरिये धोखाधड़ी को अंजाम देता था।

आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों में यह फर्जी अधाकारी पहले भी जेल जा चुका है। लेकिन जमानत पर बाहर आने के बाद वह फिर इस फर्जीवाड़े में संलिप्त हो जाता था।यूपी एसटीएफ ने इस फर्जी अधिकारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उससे आगे की पूछताछ जारी है।             
 










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