Haridwar News: उत्तराखंड में अवैध खनन को लेकर विवाद, त्रिवेंद्र रावत के बयान पर मचा बवाल
उत्तराखंड में खनन को लेकर यह विवाद तब शुरू हुआ जब विगत दिनों संसद में बोलते हुए हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र ने आरोप लगाया था। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

हरिद्वार : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दलित आईएएस अधिकारी और खनन सचिव ब्रजेश संत के खिलाफ विवादित बयान दिया, जिससे राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई। उत्तराखंड आईएएस एसोसिएशन ने इस बयान पर नाराजगी जताई और औपचारिक रूप से विरोध दर्ज कराते हुए इसे जातिवादी बताया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,विवाद तब शुरू हुआ जब सांसद रावत ने संसद में उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर अवैध खनन का आरोप लगाया। खनन सचिव ब्रजेश संत ने उनके दावों का खंडन किया, जिसके बाद दिल्ली में पूछे जाने पर रावत ने कहा, "शेर कुत्तों का शिकार नहीं करते।" इस टिप्पणी पर आईएएस एसोसिएशन और कई संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने रावत के आरोपों को खारिज करते हुए पार्टी की पारदर्शी नीतियों का बचाव किया। वहीं, विपक्ष के नेता यशपाल आर्य ने सरकार पर अवैध खनन को संरक्षण देने का आरोप लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अवैध खनन पर त्रिवेंद्र रावत द्वारा उठाए गए सवालों का समर्थन किया, लेकिन उनके बयान की निंदा भी की।
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उत्तराखंड आईएएस एसोसिएशन ने 30 मार्च 2025 को अध्यक्ष आनंद वर्धन के नेतृत्व में बैठक कर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि आईएएस अधिकारी भी सम्मान और गरिमा के हकदार हैं। एसोसिएशन ने इस बयान को अपमानजनक बताते हुए मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन देने का निर्णय लिया।
विवाद के बीच नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार को उत्तराखंड में अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि यह अवैध काम सरकारी अधिकारियों और खनन माफिया की मिलीभगत से चल रहा है।इस पूरे मामले ने उत्तराखंड की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था को हिलाकर रख दिया है और अब सबकी निगाहें सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
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