महराजगंज: ब्लॉक में तैनात उर्दू अनुवादक की गोली मार कर हत्या के मामले में दो आरोपियों को आजीवन कारावास

डीएन संवाददाता

मोटर साइकिल पर बैठ कर घर जा रहे ब्लॉक में तैनात उर्दू अनुवादक को गोली मार कर हत्या के मामले में न्यायालय ने दो लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी ख़बर

महराजगंज न्यायालय का फोटो( फाइल )
महराजगंज न्यायालय का फोटो( फाइल )


महराजगंज: जनपद के थाना चौक क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2016 में जाकिर हुसैन की हत्या के मामले में जहूर आलम एवं अख्तर अली उर्फ गुदरी को दोषी पाए जाने पर अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार सेठ ने धारा 302 ,307,120 बी / 134 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास की सजा के साथ ही साथ 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार वादी मुकदमा अमीरुद्दीन निवासी परसौनी थाना चौक पर सूचना दिया कि दिनांक 5 दिसंबर 2016 को उसका पुत्र जाकिर हुसैन जो ब्लॉक निचलौल में उर्दू अनुवादक के पद पर कार्यरत है उसे दिनांक 5 दिसंबर 2016 की शाम करीब 5:15 बजे जब निचलौल से अपने घर वापस आ रहा था उसकी मोटरसाइकिल पर पीछे गांव का ही रियाज बैठा हुआ था।

मेरा पुत्र जैसे ही पडरी कला से आगे बने रोड पर गढ़वाली गड़ही वाले पुलिया के पास पहुंचा तो उसे जहूर आलम और एक अज्ञात व्यक्ति ने रोक कर गोली मार दी। जिस पर थाना चौक में मुकदमा अपराध संख्या 162 / 2016, धारा 307 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया।

विवेचक द्वारा विवेचना के पश्चात जहूर आलम ,फखरुद्दीन ,जान मोहम्मद ,अख्तर अली, अब्दुल हक एवं कमाल अशरफ के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। विचारण के दौरान फखरुद्दीन एवं जान मोहम्मद की मृत्यु हो गई जिससे  उनके विरुद्ध की जा रही कार्रवाई को उप समिति कर दिया गया। उसके बाद दर्जनों  गवाहों को पेश कर सजा की मांग की। न्यायालय द्वारा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य एवं सबूतों के आधार पर अब्दुल हक एवं कमाल अशरफ को दोषी न पाए जाने पर दोषमुक्त करते हुए उक्त सजा सुनाई है।










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