Lakhimpur Violence: लखीमपुर खीरी केस की जांच के लिये सुप्रीम कोर्ट ने रखा यह प्रस्ताव, जतायी नाराजगी
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक बार फिर सुनवाई हुई। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये मामले का अपडेट
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक बार सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर की गई स्टेटस रिपोर्ट को लेकर भी नाराजजी जतायी। इसके साथ ही शीर्ष अदातल ने रिटायर्ड हाईकोर्ट जजों की निगरानी में इस केस की जांच कराने का प्रस्ताव दिया है।
सुप्रीम कोर्ट का सुझाव है कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन (सेवानिवृत्त) या न्यायमूर्ति रंजीत सिंह (सेवानिवृत्त) लखीमपुर खीरी जांच की देखरेख कर सकते हैं।
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सुप्रीम कोर्ट का नाराजजगी जताते हुए कहा कि घटना की स्थिति रिपोर्ट में यह कहने के अलावा कुछ भी नहीं है कि और गवाहों से पूछताछ की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लैब की रिपोर्ट 15 नवंबर तक आ जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि केवल आशीष मिश्रा का फोन ही क्यों जब्त किया गया है, दूसरों के बारे में क्या?
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि मामले में सबूतों का मिश्रण नहीं है, हम मामले की जांच की निगरानी के लिए एक अलग उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने के इच्छुक हैं। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन (सेवानिवृत्त) या न्यायमूर्ति रंजीत सिंह (सेवानिवृत्त) लखीमपुर खीरी जांच की देखरेख कर सकते हैं।
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