पटना में विपक्षी दलों की बैठक को लेकर जानिये क्या बोले तेजस्वी यादव
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से पटना में बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में “कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक के नेताओं” ने “फासीवादी ताकतों” को हराने का संकल्प किया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से पटना में बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में “कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक के नेताओं” ने “फासीवादी ताकतों” को हराने का संकल्प किया।
बैठक के एक दिन बाद संवाददाताओं से मुखातिब तेजस्वी ने आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा कांग्रेस पर लगाए गए आरोपों से कलह उत्पन्न होने की खबरों को भी खारिज किया।
पिता लालू प्रसाद यादव के साथ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रतिनिधि के रूप में बैठक में शामिल होने वाले तेजस्वी ने कहा, “बैठक में कोई समस्या नहीं हुई। हर मुद्दे पर सौहार्दपूर्ण तरीके से चर्चा हुई।”
यह भी पढ़ें |
Bihar Floor Test: बिहार की नीतीश-तेजस्वी की सरकार का हुआ शक्ति परीक्षण, विपक्ष पर जमकर साधा निशाना
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधियों ने बैठक के बाद हुए संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने केंद्र सरकार के उस ‘काले अध्यादेश’ का विरोध करने से ‘इनकार’ कर दिया है, जिससे प्रशासनिक सेवाओं पर दिल्ली की सरकार का ज्यादा नियंत्रण नहीं रह जाता है।
तेजस्वी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इन आरोपों को भी खारिज किया कि यह बैठक महज एक ‘फोटो सेशन’ थी।
उन्होंने कटाक्ष किया, “फोटो सेशन क्या होता है, इसके बारे में वे बेहतर जानते होंगे। हम लोगों के बीच काम करते हैं।”
यह भी पढ़ें |
Bihar Election: तेजस्वी यादव ने असदुद्दीन ओवैसी पर कसा तंज, कही ये बात
तेजस्वी ने कहा, “बैठक में कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक के नेता “फासीवादी ताकतों” को हराने के एकमात्र लक्ष्य से साथ आए। अगला लोकसभा चुनाव मोदी या किसी अन्य व्यक्ति के बारे में नहीं बल्कि जनता के बारे में होगा।”
उन्होंने कहा, “बैठक में हम सभी साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए। अगले महीने शिमला में होने वाली बैठक में आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। अभी तक, बिहार ने चंपारण सत्याग्रह और जेपी आंदोलन की विरासत को कायम रखते हुए पहल की है।”