जानिये भारत को 2047 तक अंतरिक्ष क्षेत्र में इस मुकाम पर देखना चाहता है इसरो, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि भारत को अंतरिक्ष को देश की ‘‘रणनीतिक संपत्ति’’ के रूप में देखना होगा और इसे 2047 तक अंतरिक्ष के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश बनना चाहिए। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बुधवार को कहा कि भारत को अंतरिक्ष को देश की ‘‘रणनीतिक संपत्ति’’ के रूप में देखना होगा और इसे 2047 तक अंतरिक्ष के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश बनना चाहिए।

उन्होंने यहां वायु सेना के एक कार्यक्रम में 38वें एयर चीफ मार्शल पी सी लाल स्मृति व्याख्यान में यह टिप्पणी की। इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी, पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया (सेवानिवृत्त) और वायुसेना के कई अन्य कर्मी उपस्थित थे।

सोमनाथ ने कहा, ‘‘हमें अंतरिक्ष को राष्ट्र की रणनीतिक संपत्ति के रूप में देखना होगा। आत्मनिर्भर होना होगा। यह बहुत महत्वपूर्ण है...और यह कैसे किया जाएगा, इसके लिए एक रोडमैप है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत अपनी आजादी के 100वें वर्ष में पहुंचेगा, तब हम उसे इसी रूप में देखना चाहते हैं। हम भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं।’’

उन्होंने ‘अमृत काल के लिए अंतरिक्ष रोडमैप’ के बारे में भी बात की, जिसमें देश को अगले 25 वर्षों के लिए काम करने की आवश्यकता वाले विभिन्न पहलुओं को रेखांकित किया गया है।

सोमनाथ ने देश को अपने ‘अंतरिक्ष रोडमैप’ में सफल होने के लिए चार स्तर- रणनीतिक, अंतरिक्ष यान, नवाचार और अन्वेषण; मानव युक्त अंतरिक्ष उड़ान जारी रखना; प्रक्षेपण लागत में कमी; और अंतरिक्ष यात्रा के कारोबार का उल्लेख किया।

‘रोडमैप’ पर उनके द्वारा साझा किए गए ‘पावरपॉइंट स्लाइड’ में अंतरिक्ष पार्क, अंतरिक्ष पर्यटन, वैश्विक अंतरिक्ष डेटा समाधान, वैश्विक अंतरिक्ष विनिर्माण केंद्र का भी उल्लेख किया गया।

उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 को जुलाई के मध्य में प्रक्षेपित करने की योजना है। चंद्रयान-3 का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर एक रोवर उतारना है।

सोमनाथ ने बाद में डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि हालांकि इसके लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इसरो 12 से 19 जुलाई के बीच इसे प्रक्षेपित करना चाहता है।

अंतरिक्ष मलबे पर आंकड़े साझा करते हुए उन्होंने कहा, अंतरिक्ष में लगभग 14,000 उपग्रहों में से ‘‘80 प्रतिशत ठप्प हो चुके हैं।’’

स्मृति व्याख्यान का आयोजन एयर फोर्स एसोसिएशन (एएफए) द्वारा किया गया।

एयर चीफ मार्शल पी सी लाल को 1939 में भारतीय वायुसेना में नियुक्त किया गया था। उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध में बर्मा (म्यांमा) अभियान के दौरान विशिष्ट फ्लाइंग क्रॉस से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1965 के युद्ध में वायुसेना के उप प्रमुख के रूप में सेवा दी।

लाल को 1966 में पद्म भूषण और 1972 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 1973 में सेवानिवृत्ति के बाद, उन्हें इंडियन एयरलाइंस का अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) और बाद में एअर इंडिया का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।










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