कोहरे की चादर में लिपटा केरल का मुन्नार, घूमने के शौकीनों को लुभा रहा

डीएन ब्यूरो

केरल के मुन्नार में तापमान में गिरावट जारी रहने के कारण इस रमणीक पर्वतीय शहर में कोहरे की चादर बिछ गई है और लोग ठंड के मौसम का अनुभव करने के लिए राज्य के इस सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल का रुख कर रहे हैं।

मुन्नार (फाइल फ़ोटो)
मुन्नार (फाइल फ़ोटो)


मुन्नार: केरल के मुन्नार में तापमान में गिरावट जारी रहने के कारण इस रमणीक पर्वतीय शहर में कोहरे की चादर बिछ गई है और लोग ठंड के मौसम का अनुभव करने के लिए राज्य के इस सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल का रुख कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों ने निजी मौसम पूर्वानुमान सेवा के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि जनवरी की शुरुआत से हिल स्टेशन और इसके आसपास के कई हिस्सों में तापमान लगातार गिर रहा है और इस सप्ताह चेंडुवारा एस्टेट एवं लेचमी एस्टेट जैसे क्षेत्रों में तापमान शून्य से एक डिग्री सेल्सियस नीचे तक पहुंच गया है।

पारे के स्तर में लगातार गिरावट के साथ कोहरे की मोटी चादर ने हरियाली, चाय के बागानों और मुन्नार के घास के मैदानों को ढक दिया है, जिसे ‘‘दक्षिण का कश्मीर’’ भी कहा जाता है।

धुंध से ढकी घाटियों, पाले से ढके घास के मैदानों और पौधों पर बर्फ के क्रिस्टल की सुंदर छवियां पहले ही सोशल मीडिया मंचों पर वायरल हो चुकी हैं, जिससे आसपास के स्थानों से छुट्टियां मनाने के लिए आने वाले लोगों की भीड़ बढ़ जाती है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुन्नार में पारा गिर रहा है, लेकिन इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि पारा शून्य से नीचे चला गया है। आईएमडी के पास इस क्षेत्र में कोई स्थानीय वेधशाला नहीं है और स्वचालित मौसम केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, तापमान एक डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया, लेकिन इससे नीचे नहीं।

अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह एक कमी है कि हमारे पास क्षेत्र में कोई वेधशाला नहीं है। सोशल मीडिया पर मुन्नार में बर्फबारी होने का दावा करते हुए कई तस्वीरें और संदेश वायरल हो रहे हैं। लेकिन, यह हिमपात नहीं हो सकता। यह केवल कोहरे की स्थिति हो सकती है।’’

उन्होंने कहा कि जब पारा गिरता है तो कोहरा छाता है और यह घटना ऊंचाई वाले इलाके में सामान्य है।

इस बीच, मुन्नार और आसपास के कई होटल व्यवसायी पर्यटकों के आगमन को लेकर उत्साहित हैं क्योंकि उन्हें अधिक बुकिंग मिल रही है।

इस संबंध में क्षेत्र के निवासी शिबू ने पीटीआई-भाषा से कहा कि सिर्फ मुन्नार ही नहीं, बल्कि देविकुलम जैसे कुछ इलाकों में भी सबसे अधिक ठंड महसूस की जा रही है।

शिबू ने कहा, ‘‘सालों पहले मुन्नार में सर्दी पिछले सितंबर तक शुरू हो जाती थी और दिसंबर-जनवरी तक खत्म हो जाती थी। समय के साथ संभवत: जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण ये महीने ठंडे मौसम का अनुभव कराने वाले महीनों में बदल गए हैं।’’

वन्यजीव फोटोग्राफर और एक रिजॉर्ट के मालिक प्रवीण मुरलीधरण ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इससे पहले हमने इस तरह की स्थिति का कभी सामना नहीं किया था। लेकिन अब जब बारिश होती है तो अत्यधिक होती है... यह ग्लोबल वार्मिंग का असर है।’’

मुन्नार अपने विशाल चाय बागानों, घाटियों और सुंदर पहाड़ों तथा वनस्पतियों और वन्यजीवों के लिए जाना जाता है।










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