पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड की SIT करेगी जांच

डीएन ब्यूरो

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की बंगलूरू में उनके घर के बाहर बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। अज्ञात हमलावरों ने उन पर सात गोलियां चलाई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच SIT को सौंपी जायेगी।

गौरी लंकेश (फाइल फोटो)
गौरी लंकेश (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: कर्नाटक के बंगलुरु में बीती रात वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। बंगलुरु के राजराजेश्वरी इलाके में बदमाशों ने उन पर एक के बाद एक 7 गोलियां चलाई। मामले की जांच में जुटी पुलिस का कहना है कि गौरी के फोन से कुछ सुराग मिले हैं, जिनकी पड़ताल जारी है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैय्या ने गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच SIT से कराने के आदेश दिये है।

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मंगलवार जब गौरी कार से घर लौटी थीं और घर का गेट खोल रही थीं तभी बाइक सवार अज्ञात हमलावरों ने उन पर गोलियां बरसा दीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस लंकेश के घर में लगे सीसीटीवी फुटेज की भी तफ्तीश में जुटी हुई है।

SIT करेगी हत्याकांड की जांच

पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद पत्रकारों में शोक की लहर दौड़ गई। उनकी हत्या से नाराज पत्रकार देश भर में प्रदर्शन कर रहे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (SIT) करेगी। गौरी के भाई CBI जांच की मांग की है।

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राहुल गांधी ने जताया शोक

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गौरी लंकेश की मौत पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि सच कभी खामोश नहीं हो सकता, गौरी हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी।

कौन थी गौरी लंकेश

गौरी लंकेश कर्नाटक में पत्रकारिता का निडर और निर्भीक चेहरा थीं। गौरी साप्ताहिक मैगजीन 'लंकेश पत्रिके' की संपादक थीं। उनके पिता भी जाने माने साहित्यकार थे। गौरी लंकेश पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुचर्चित थी। वह अखबारों में कॉलम भी लिखा करती थीं। इसके अलावा टीवी न्यूज चैनल डिबेट्स में भी वह लगातार शामिल होती थीं।

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मिलती रहती थी धमकियां

लंकेश के विचारों और सोच के बारे में सबको पता था। उनके दक्षिणपंथी संगठनों से वैचारिक मतभेद जगजाहिर थे। इसी कारण उन्हें कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी थी। कुछ समय पहले उन्हें एक लेख की वजह से मुकदमा का भी सामना करना पड़ा था।
 










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