Uttar Pradesh: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया झकझोरने वाली घटना का संज्ञान, सरकार से जबाव तलब
सरकारी सिस्टम समेत भगवान समझे जाने वाले डॉक्टरों की झकझोर देने वाली करतूत का संज्ञान राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया है। इस मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी किया गया है। पढिये, पूरी रिपोर्ट..
नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मानवता को झकझौर कर रख देने वाली उत्तर प्रदेश की उस घटना का संज्ञान लिया है, जिसमें बुखार से तप रहे एक बच्चे को डॉक्टरों ने हाथ लगाना तक मुनासिब नहीं समझा और बच्चे ने देखते ही देखते अस्पताल में दम तोड़ दिया। आयोग ने मीडिया रिपर्टों का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दिया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी के मुख्य सचिव को भेजे गये नोटिस में घटना के पूरे विवरण के साथ चार सप्ताह के अंदर जबाव तलब किया है। इस घटना ने पूरे सरकारी सिस्टम समेत भगवान समझे जाने वाले डॉक्टरों की झकझौर देने वाली अमानवीय करतूत को भी उजागर कर दिया था।
NHRC takes suo motu cognizance of a media report that a 1-year-old child, suffering from fever & swollen neck, died as he was not attended by doctors at District Hospital Kannauj, UP. Notice issued to UP Chief Secretary, calling for a detailed report within 4 weeks: NHRC pic.twitter.com/avwuANflZ7
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— ANI (@ANI) July 2, 2020
यह घटना 18 जून को उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिला अस्पताल में हुई थी। जहां दिमागी बुखार से पीड़ित एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
घटनाक्रम के मुताबिक सदर कोतवाली क्षेत्र के मिश्रीपुर गांव निवासी प्रेमचंद्र का एक वर्षीय पुत्र अनुज कई दिनों से बुखार से परेशान था। बुखार के चलते बच्चे की हालत बिगड़ी तो परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। लेकिन वहां डॉक्टर बच्चे को देखने से टालते रहे। कोरोना मामले का भी डॉकटरों ने बहाना बनाया और बच्चे को हाथ तक तक नहीं लगाया। परिजन बच्चे को लेकर अस्पताल में इधर उधर भटकते रहे। बच्चे की बिगड़ती हालत खराब देख डा. वीके शुक्ला ने जांच करने के बाद बच्चे को डाक्टर पीएम यादव के पास भेज दिया। लेकिन ज्यादा समय बीत जाने के कारण बच्चे की वहीं मौत हो गई।
अनुज की मौत के बाद उसके पिता बच्चे को गोद में लिटाये लेटे-लेट रोते रहे। बच्चे की मां भी सामने बैठी रोती रही। लेकिन वहां किसी का दिल नहीं पसीजा। किसी ने इस घटना का वीडियो-फोटो भी बनाया, जो वायरल हो गया। इश घटना की चारों तरफ निंदा हो रही है। अब आयोग यूपी सरकार को इस मामले में नोटिस जारी कर दिया है, जिससे उम्मीद है कि पीड़ित परिवार को इंसाफ मिल सकेगा।