कानपुर: खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त हुआ ईश्वरीगंज गांव

डीएन संवाददाता

कानपुर का ईश्वरीगंज गांव पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त हो गया हैं। गांव की इस उपल्बिध को 15 सितंबर को इतिहास के पन्नों में दर्ज कर लिया जायेगा।

लोगों को जागरूक करती महिलायें
लोगों को जागरूक करती महिलायें


कानपुर: ईश्वरीगंज गांव पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त हो गया हैं। गांव की इस उपल्बिध को 15 सितंबर को इतिहास के पन्नों में दर्ज कर लिया जायेगा। गांव को पूरी तरह से शौच मुक्त करने का श्रेय गांव की महिलाओं को जाता है, जिन्होंने दृढ़ निश्चय कर इस गांव को आज इस जगह पर पहुंचाया है।

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डाइनामाइट न्यूज़ टीम ने ईश्वरीगंज गांव पहुंचकर यहां की निगरानी समिति की महिला पदाधिकारियों से बातचीत की। बातचीत में महिलाओं ने बताया कि निगरानी समिति की सदस्य में 24 पदाधिकारी है। जिनका काम था कि सुबह जल्दी उठ कर महिलाओं को खुले में शौच से मुक्त करना और उन्हें शौचालय बनवाने के लिए जागरूक करना। 

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निगरानी समिति की सदस्य पूजा ने बताया कि गांव में महिलाएं सुबह 4 बजे ही खुले में शौच के लिए जाती थी। जिसके बाद हम सभी महिलाओं से आग्रह करते थे कि वो बाहर शौच के लिए न जाये और अपने घर में ही शौचालय बनवायें। 

वहीं समिति की सीनियर सदस्य राजरानी ने बताया कि सुबह 4 बजे भी अंधेरा रहता था जहां भी महिलाएं खुले में दिखती थी उन्हें टॉर्च और सीटी के माध्यम से हाथ जोड़कर उनसे निवेदन करते थे कि अपने घर को स्वच्छ बनाये और शौचालय बनवाये। 

गांव की नीता ने बताया कि इस गांव की किस्मत है जो इसके भाग्य बदल रहे हैं। आज हमारे गांव में खुशियां मनाई जा रही है। पहले इस गांव में आप पेदल नही निकल सकते थे, लेकिन आज गांव में हर तरफ स्वच्छता ही स्वच्छता है। 

अकबरपुर लोक सभा सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि ईश्वरीगंज गांव का खले में शौच मुक्त होना गांव के लिए काफी सौभाग्य की बात है साथ साथ प्रदेश के लिए भी गर्व की बात है।










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