Indian Railways: भारतीय रेलवे का यात्रियों को सौगात, घटाया AC-3 इकोनॉमी क्लास का किराया
रेलवे ने वातानुकूलित 3-टीयर इकोनॉमी श्रेणी (3ई) में यात्रा के किराये को बहाल करने का आदेश दिया जिसे पिछले नवंबर में एसी 3-टीयर के साथ मिलाते हुए वापस ले लिया गया था। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: रेलवे ने बुधवार को वातानुकूलित 3-टीयर इकोनॉमी श्रेणी (3ई) में यात्रा के किराये को बहाल करने का आदेश दिया जिसे पिछले नवंबर में एसी 3-टीयर के साथ मिलाते हुए वापस ले लिया गया था।
आदेश के अनुसार शुल्क बहाल होने के बावजूद रेलवे यात्रियों को चादर प्रदान करता रहेगा।
इस आदेश के साथ पहले के एक सर्कुलर को वापस ले लिया गया है जिसमें एसी-3 टीयर इकोनॉमी श्रेणी के टिकट के लिए किराये को एसी 3-टीयर टिकट के किराये के समान कर दिया गया था।
पहले किराया समान करने की वजह चादर की कीमत बताई गयी थी।
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आदेश के अनुसार जिन यात्रियों ने ऑनलाइन और काउंटर से टिकट बुक कराया है, उन्हें पहले बुक की जा चुकीं टिकट के लिए अतिरिक्त राशि वापस की जाएगी।
रेलवे ने सितंबर 2021 में 3 इकोनॉमी श्रेणी शुरू करते हुए घोषणा की थी कि इन नये डिब्बों में किराया सामान्य एसी-3 कोच से 6-8 प्रतिशत कम होगा। इसे दुनिया में सर्वश्रेष्ठ और सबसे सस्ती एसी यात्रा सेवा करार दिया गया था।
नवंबर 2022 से पहले यात्री उन कुछ विशेष ट्रेनों में ‘3ई’ की अलग श्रेणी में एसी-3 इकोनॉमी टिकट बुक करा सकते थे जिनमें रेलवे ने इनका प्रावधान किया है।
अधिकारियों ने कहा कि इस समय 463 एसी-3 इकोनॉमी डिब्बे हैं जबकि 11,277 सामान्य एसी-3 कोच हैं। उनके मुताबिक एसी-3 इकोनॉमी कोच में यात्रियों के लिए सामान्य एसी-3 डिब्बों से बेहतर सुविधाएं हैं।
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अधिकारियों ने कहा कि एसी-3 टीयर इकोनॉमी श्रेणी को मिलाने से यात्रियों को करीब 60-70 रुपये अतिरिक्त भुगतान करना होता था।
सामान्य एसी-3 टीयर कोच में जहां 72 बर्थ होती हैं, वहीं एसी-3 टीयर इकोनॉमी श्रेणी में 80 बर्थ होती हैं।
रेलवे ने इस श्रेणी को शुरू करने के पहले साल में इससे 231 करोड़ रुपये की आय अर्जित की। आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से अगस्त 2022 तक 15 लाख यात्रियों ने इन डिब्बों में सफर किया जिससे 177 करोड़ रुपये की आय हुई।