पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के इन 5 नियमों की अनदेखी पड़ेगी भारी, होगी कार्रवाई

डीएन ब्यूरो

दिवाली और शादियों में पटाखों को चलाने और बेचने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से मिली मंजूदी के बाद जहां दुकानदार और ग्राहकों में बड़ा उत्साह देखने को मिल रहा है।कोर्ट ने इसी के साथ 5 नियम भी बनाये हैं जिनका सभी को पालन करना पड़ेगा। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें, सुप्रीम कोर्ट के 5 नियम

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)


नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को जलाने और इसे बेचने की मंगलवार को मंजूरी दे दी है। अब इसके बाद एक बार फिर दिवाली में चारों तरफ पटाखों के जलने से वातावरण प्रदूषित होने की आशंका बनी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी देने के साथ ही पटाखों को बेचने और खरीदने को लेकर कुछ सख्त नियम भी बनाये हैं। 

यह भी पढ़ेंः पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला.. बिक्री पर रोक नहीं लेकिन शर्तें लागू   

 

 

पटाखों पर पाबंदी नहीं (सांकेतिक तस्वीर)

 

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पटाखों को जलाने और बेचने को लेकर इन नियमों का पालन नहीं किया तो जायेंगे जेलः 

1.सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश जारी करते हुये कम एमिशन वाले पटाखों को ही मंजूरी प्रदान की है।      

 

यह भी पढ़ें | कानपुर: 15 रुपये के लिये दुकानदार ने ग्राहक पर फेंकी उबलती चाय

 

2.पटाखों के वे विक्रेता जिनके पास लाइसेंस है वहीं पटाखों की बिक्री कर पायेंगे। अगर कोई ऑनलाइन पटाखे बेचेगा और खरीदेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।      

यह भी पढ़ेंःशादी की उम्र घटाने को वकील पहुंचा था सुप्रीम कोर्ट, मिली फटकार..भरेगा 25 हजार का जुर्माना 

 

 

पटाखों की बिक्री के लिये सख्त नियम 

 

3.कोर्ट ने यह भी माना कि सिर्फ पटाखों को जलाने से ही प्रदूषण नहीं बढ़ता बल्कि इसके लिये अन्य चीजें भी जिम्मेदार है।

यह भी पढ़ें | भारत में डिजिटल भुगतान में यूपीआई के इस्तेमाल पर पढ़ें ये विशेष रिपोर्ट, जानिये कहां हो रहा सबसे ज्यादा लेनदेन

4.पटाखों की बिक्री से जुड़े निर्देश सभी त्यौहारों और शादियों पर लागू होंगे। दीवाली पर पटाखे रात को सिर्फ 8 से 10 बजे तक ही चलाये जा सकेंगे।     

यह भी पढ़ेंः अयोध्या: प्रवीण तोगडिया के समर्थकों और पुलिस में भिड़ंत, कई घायल, भारी तनाव का माहौल  

 

 

देशभर में रात 8 से 10 बजे तक जलेंगे पटाखे

 

5.दिवाली के दिन यह समयसीमा पूरे देश में लागू रहेगी। इसकी निगरानी के लिये हर क्षेत्र के SHO को जवाबदेह होगा। अगर इस नियम का पालन नहीं किया गया तो कोर्ट SHO को अवमानना का दोषी मानेगा और उस पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
 










संबंधित समाचार