महराजगंज: जनप्रतिनिधियों की 'झूठ' की बीमारी से हज़ारों ग्रामीणों की जान जोखिम में, पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

डीएन संवाददाता

लक्ष्मीपुर ब्लॉक के अंतर्गत सेमरहवा गांव के हजारों लोगों का आवागमन बेहद मुश्किल भरा है। अपनी जान को हथेली पर रख कर लोग रोजाना आने-जाने को मजबूर है। जानिए डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर



नौतनवा (महराजगंज): चुनाव आते ही जनप्रतिनिधि लोगों को सुनहरे सपने दिखाते हैं। मगर चुनाव के बाद वे वादों से कोसों दूर नजर आते है। ऐसा ही एक वादा सेमरहवा के लोगों से किया गया था। वादा था कि चुनाव बाद उनके गांव आने-जाने तक रोहिणी नदी के ऊपर पुल का निर्माण कर दिया जाएगा। जिससे हजारों लोगों के लिए जीवन आसान हो जाएगा, परंतु चुनाव बाद कोई भी जनप्रतिनिधि इनके गांव झांकने तक नहीं आया।

नौतनवा तहसील के लक्ष्मीपुर ब्लॉक अंतर्गत सेमरहवा गांव का अधिकतर टोला रोहिणी नदी के पार जंगल किनारे पड़ता है। जहां हजारों की आबादी निवास करती है। गांव के लोगों को दूसरे गांव या शहर आने- जाने के लिये मेन रास्ता रोहिणी नदी को पार करना पड़ता है। इस नदी पर गांव के लोग मिलकर बांस का पुल बनाए है, जिस रास्ते आते जाते है जिससे इन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। 

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सेमरहवा के स्थानीय ग्रामीणों ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि गर्भवती महिलाओं और स्कूली बच्चों को इस बांस के पुल से इस पार से उस पार आने-जाने मे पहाड़ जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

ग्रामीणों ने ये भी बताया कि शादी विवाह मे बारात आती है तो बारातियों को भी नदी के पहले उतरकर पैदल ही गांव तक बारात लेकर आना पड़ता है। रात के समय यदि कोई बीमार हो जाय तो उसे सही समय इलाज मिल पाना असंभव सा हो जाता है। 

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ग्रामीणों ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि बरसात के दिनों मे स्थिति और भयावह हो जाती है।  जब नदी मे पानी बढ़ता है तो बांस के पुल को भी उखाड़ देता है जिससे मुख्य मार्ग से हजारों लोगों का सम्पर्क टूट जाता है। 

गांव के मजनू, नागेंद्र, गोरख आदि लोगों ने डाइनामाइट न्यूज बताया कि कई बार पक्की पुल के लिए जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को मांग पत्र दिया गया है, लेकिन जनप्रतिनिधियों की तरह ही सबके वादे खोखले होते है। लोगों ने कहा कि उन्हें सरकारी योजना का एक भी लाभ न मिले मंजूर है लेकिन सरकार इस नदी के उपर पुल बनवा दे। 










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