Happy Birthday Mayawati: बहनजी के जन्मदिन पर जानिए उनकी ज़िंदगी की कुछ अनसुनी बातें..

डीएन संवाददाता

बसपा अध्यक्ष मायावती आज अपना 63वां जन्मदिन मना रही हैं। पार्टी के कार्यकर्ता उनका जन्मदिन जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मना रहे हैं। इनामाइट न्यूज में जानिए उनकी ज़िदगी की कुछ अनसुनी बातें..

मायावती
मायावती


नई दिल्ली: बसपा अध्यक्ष मायावती का आज जन्मदिन है। खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश के कुल 75 जिलों में उनका जन्मदिन मनाया जाएगा। इस दिन को बसपा जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाएगी। बहनजी इस अवसर पर लखनऊ यूनिट गांधी भवन में अपनी उम्र के बराबर 63 किलों का केक काटेंगी और गरीबों में फल के साथ कंबल आदि बांटेंगी।

देश में कुछ ही महिलाएं हैं जिन्होंने राजनीति में अपनी पहचान बनाई है। खासकर वे महिलाएं जो दलित हैं। मायावती जिन्हें प्यार से उनके चहेते बहनजी कहते हैं उन्हीं गिनी चुनी महिलाओं में से एक हैं। उनके बारे में बहुत कुछ है जो अनसुना है
 

मायावती का पूरा नाम..
मायावती का पूरा नाम मायावती नैना कुमारी है। उनका जन्म 15 जनवरी 1956 को दिल्ली के सरकारी अस्पताल श्रीमती सुचेता कृपलानी में एक जाटव परिवार में हुआ था। जाटव चमार जाति से संबंधित है जिसे भारत में निम्न जाति माना जाता है।

सरकारी स्कूल में पढ़ी हैं मायावती
मायावती का परिवार भी देश के बाकि परिवारों की तरह बेटियों के लिए रूढ़िवादी रहा है। लिहाज़ा बेटों को तो अच्छे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाया जाता था लेकिन बेटियों का ऐसे सरकारी स्कूलों में दाखिला कराया जाता था जहां नाममात्र ही सुविधाएं होती थीं। 

मायावती भी ऐसी बिना किसी सुविधा वाले सरकारी स्कूल में ही पढ़ी हैं। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज से 1975 में बीए किया। उसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से ही 1989 में एलएलबी की डिग्री हासिल की।

मैं तुम्हें एक दिन बहुत बड़ी नेत्री बना दूंगा-कांशीराम

मायावती के राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्हें पहला मौका बसपा के संस्थापक कांशीराम ने दिया था। दलित नेता कांशीराम 1977 में उनके घर आए थे। उन्होंने मायावती से कहा था कि मैं तुम्हें एक दिन इतनी बड़ी नेत्री बना दूंगा कि एक नहीं बल्कि आइएस अफसरों की पूरी पंक्ति तुम्हारे आदेशों का पालन करने के लिए खड़ी होगी। उसके बाद जब उन्होंने बसपा की स्थापना की तो मायावती को उसमें शामिल कर लिया। मायावती 1989 में पहली दफा संसद में चुनी गई थीं।

भारत की पहली दलित महिला सीएम

मायावती देश की पहली दलित महिला सीएम हैं। वे चार दफा प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। पहली दफा 1995 में, दूसरी दफा 1977, तीसरी बार 2002-2003 और चोथी दफा 2007 से 2012 के दौरान वे मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। वे पहली दलित महिला नेता हैं जो बहुजन के सामाजिक विकास के लिए आवाज़ उठाती रही हैं। 










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