UP: गोरखपुर के DM ने सुनाई कोरोना काल की ये दर्दनाक कहानियां- एक बेड के लिये 100 की कतार, मरीज के मरने का इंतजार

डीएन ब्यूरो

कोरोना महामारी के दौर में समाज में कई तरह के अनुभव देखने-समझने को मिले हैं। सीएम योगी के गृहनगर गोरखपुर के जिलाधिकारी ने कोरोना की जो दर्दनाक दास्तां सुनाई वह सबको बहुत सोचने-समझने पर मजबूर करने वाला है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की यह रिपोर्ट

गोरखपुर क्‍लब में बैठक को संबोधित करते जिलाधिकारी के. विजयेन्‍द्र पांडियन
गोरखपुर क्‍लब में बैठक को संबोधित करते जिलाधिकारी के. विजयेन्‍द्र पांडियन


गोरखपुर: कोरोना महामारी ने हर इंसान को अंदर तक झकझौर कर रख दिया है। इस वैश्विक महामारी में समाज के कई रंग-रूप देखने को मिले और हर आदमी ने इसके भय को महसूस किया। कोरोना लहर से निपटने के लिये युद्ध स्‍तर पर तैयारियां करने के बावजूद भी प्रशासन को वो सफलता नहीं मिली, जिसकी अपेक्षा की जा रही थी।

अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर के जिलाधिकारी के. विजयेन्‍द्र पांडियन ने कोरोना की जो दर्दनाक दास्तां सुनाई, वह इस महामारी के अन्य पहलुओं को उजागर करने वाली है। इससे यह भी साफ है कि कोरोना की लहरएक समय इतनी बेकाबू हो गई थी इसे रोकने में जुटी मशीनरी भी लाचारी महसूस करने लगी।

मरीज की मौत का इंतजार!

गोरखपुर में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बेड मांगने पर तीमारदार को फटकार लगाने का ऑडियो वायरल होने से चर्चा में आए गोरखपुर के डीएम के. विजयेन्‍द्र पाण्डियन ने गोरखपुर क्‍लब में आयोजित एक बैठक में खुले मंच से महामारी का जो अनुभव सुनाया, वह डरावना और बेहद दर्दनाक है। जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर इतनी तेज थी कि एक समय ऐसा भी आया, जब अस्‍पताल में एक बेड के लिए लाइन में लगे 100 लोग मौजूद थे और वे बेड पर इलाज करा रहे मरीज के मरने का इंतजार कर रहे थे, ताकि उन्हें बेड उपलब्ध हो सके।

जिंदगी में दोबारा ऐसी स्थिति देखने को न मिले

नगर निगम की ओर से आयोजित निगरानी समिति की बैठक में मंच से अपने संबोधन में डीएम ने कहा कि कोरोना की तेज लहर में डॉक्टरों से लेकर अस्पताल कर्मचारियों और बड़े अधिकारियों के लिये भी यह तय करना मुश्किल हो रहा था कि आखिर बेड किसे दिया जाए और किसे नहीं। उन्होंने कहा कि एक दिन एक बेड के लिए 100 लोग लाइन में थे। मरीज के मरने के लिए इंतजार कर रहे थे। ये सोच थी कि फलां बेड का आदमी मरेगा, तब वो बेड मिलेगा। दोबारा ऐसी स्थिति जिंदगी में देखने को नहीं मिलनी चाहिए। सभी लोग जागरूक होकर परिवार को सुरक्षित रखें।

कब तक बैठकर लाशें गिनते रहेंगे

डीएम अपने संबोधन के दौरान भावुक भी हुए। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्‍मेदारी कहां खो गई है। हम सभी कब तक बैठकर लाशें गिनते रहेंगे। इस महामारी से कोई परिवार नहीं छूटा है। मैं और मेरा परिवार भी इससे संक्रमित था। परिवार को दूसरे जगह भेजकर मैं काम कर रहा हूं। उन्‍होंने चिंता जताते हुए कहा कि कब तक ये लापरवाही चलेगी। सरकार बार-बार तीन चीज कह रही है। दूरी बनाओ, मास्‍क पहनो और सामाजिक दूरी बनाओ। लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं। जब तक हम लापरवाही नहीं छोड़ेंगे तब तक यह वायरस जाने वाला नहीं है।

अकेला आदमी इस पर नियंत्रण नहीं कर सकता

उन्‍होंने कहा कि दूसरी लहर को नियंत्रित करने के लिये हम लोगों ने बहुत प्रयास किये। थोड़ा बहुत नियंत्रण किया। आगे भी करेंगे। अकेले एक आदमी इस पर नियंत्रण नहीं सकता है। इसके खत्म करने के लिये सामूहिक प्रयास जरूरी है। हम लोग लगातार दूसरे साल इससे गुजर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि अभी तीन-चार साल हमें इसका सामना करना है। ये महामारी अभी जल्दी नहीं जाने वाली है।

देश के मुखिया की बात

जिलाधिकारी ने कहा कि यह जरूर है कि देश की असली पूंजी वहां की जनता है। बाकी चीजें बनती बिगड़ती रहती है, लेकिन जनता सबसे पहले है। हम कितने सतर्क और जागरूक हैं, ये हम पर निर्भर करती है। बहुत से छोटे देश मास्‍क और कुछ देश तकनीक का इस्तेमाल करके इससे आजाद हो गए हैं। वहां के लोग, वहां की जनता देश के मुखिया की बात मानते हैं। इसलिए जिंदगी बची हुई है।

रिसर्च के आधार पर कही सब बातें

उन्होंने कहा कि मैं यब कुछ बहुत सारे रिसर्च और फील्ड में 24 घंटे लगातार काम करने के आधार पर कह रहा हूं। उन्होंने एक बार फिर सभी से कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने की अपील की।










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