गोरखपुर: राज्यपाल ने किया शिक्षाविदों की प्रतिमा का अनावरण

गोरखपुर के उनवल में आचार्य सत्यनारायण त्रिपाठी और नवलपति त्रिपाठी की प्रतिमाओं का अनावरण किया गया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 17 November 2024, 6:56 PM IST
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गोरखपुर: हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने उनवल में स्थित नवल्स नेशनल एकेडमी परिसर में नव प्रतिस्थापित शिक्षाविद् आचार्य सत्यनारायण त्रिपाठी और गुरूमाता नवलपति त्रिपाठी की प्रतिमाओं का अनावरण किया । इस दौरान उन्होंने सभी आगंतुक अतिथियों को सम्मानित किया। 

इस अवसर पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि आचार्य सत्यनारायण त्रिपाठी अपने सेवाकाल के दौरान गोरखपुर विश्वविद्यालय में अनुशासन प्रियता, सदाचार, सादगी और विद्वता के लिए जाने जाते थे। उनकी तथा उनके धर्म भार्या की जिवंत प्रतिमाओं के अनावरण का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ यह मेरे लिए गौरव की बात है।

प्रतिमाओं का अनावरण करते महामहिम राज्यपाल 

उन्होंने कोठां गांव से जुड़े अपने बचपन के संस्मरणों को याद करते हुए कहा कि महान विभूतियों की छत्रछाया हमें जीवन में अच्छे कर्मों के लिए प्रेरित करती है और हमारा मार्गदर्शन करती हैं। 

अध्यक्षता कर रहे पद्मश्री आचार्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने अपने गुरू रहे आचार्य सत्यनारायण त्रिपाठी से जुड़े प्रसंगों को याद करते हुए कहा कि उनका शिष्य रह कर उनका सान्निध्य पाना मेरे जीवन का स्वर्णिम अवसर रहा है। महाभारत में यक्ष के प्रश्नों का उत्तर देते हुए युधिष्ठिर ने बताया था कि पृथ्वी से भारी माता और आसमान से भी बड़ा पिता होता है। 

उन्होंने इजराइल की एक प्रसिद्ध कहावत का उल्लेख करते हुए कहा कि ईश्वर हर जगह मौजूद नहीं रह सकता इसीलिए माता-पिता को बनाया है। 

प्रोफेसर कृष्णचंद लाल ने आचार्य सत्यनारायण त्रिपाठी के लिखे एक हाइकू कविता सुनाते हुए बताया कि उन्होंने लिखा है कि "बढ़ी हुई टहनियों को काट देते हो इसे सजा कहूं या सजावट" उन्होंने आचार्य से जुड़े प्रेरक प्रसंगों और उनकी अनुशासन प्रियता का वर्णन किया। 

प्रोफेसर अन्नत मिश्र ने अपने उद्बोधन में वर्तमान पीढ़ी के द्वारा माता पिता की उपेक्षा करने का उल्लेख करते हुए डाक्टर संजयन त्रिपाठी द्वारा शिक्षा के मंदिर में अपने पिता एवं माता की प्रतिमाओं की स्थापना करने को युवा पीढ़ी के लिए अनुकरणीय एवं मार्गदर्शक बताया।