माघी पूर्णिमाः धरती पर आतेे हैं देवता, सौभाग्य योग में स्नान से मिलेगी दैहिक, दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति

डीएन ब्यूरो

माघी पूर्णिमा को लेकर तैयारियां पूरी, प्रयागराज व बनारस के लिए श्रद्वालुओं की बसे रवाना हो रही है। जानकार पंडितों के अनुसार इस सौभाग्य योग के संयोग में गंगा स्नान से हर मनोरथ पूरा होंगे। डाइनामाइट न्यूज़ पर जानिए माघी पूर्णिमा का महत्व

डुबकी लगाते श्रद्वालु  (फ़ाइल फोटो )
डुबकी लगाते श्रद्वालु (फ़ाइल फोटो )


महराजगंजः हिन्दू धर्म में माघ महीने का बहुत से खास महत्व है। इस दिन सौभाग्य योग का संयोग होने से इसक महत्व और भी बढ़ गया है। इस मास का वैसे तो हर दिन पवित्र माना गया है, लेकिन माघी पूर्णिमा को स्नान दान से दैहिक, दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी। रविवार को माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के लिए जनपद के हर गांवों व शहरों से प्रयागराज, बनारस के लिए यात्रियों की बसें रवाना हुई। इस दौरान हर-हर गंगे की जयघोष से पूरा माहौल गुंजायमान हो उठा। 

सौभाग्य योग में माघी पूर्णिमा को स्नान अति फलदाई 
आचार्य पंडित दयाशंकर शुक्ल के अनुसार मान्यता है इस दिन सभी देवता माघ मास की पूर्णिमा को स्नान करने के लिए पृथ्वी पर अवतरित होते है। मान्यता यह भी है कि द्वापर युग में दानवीर कर्ण को माता कुुंती ने माघी पूर्णिमा के दि नही जन्म दिया था। इसी दिन कुंती ने उन्हें गंगा जी की धारा में प्रवाहित किया था। इस दिन गंगा, यमुना सहित अन्य धार्मिक तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से दैहिक, दैविक व भौतिक आदि सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलता है। 

माघी पूर्णिमा के व्रत मिलती है सुख-समृद्वि 
आचार्य पंडित सच्चिदानंद शुक्ल के अनुसार माघ पूर्णिमा को स्नान का महत्व तो है ही साथ ही इस दिन व्रत उपवास रखने व दान पुण्य करने का काफी महत्व है। मान्यता है कि माघी पूर्णिमा का व्रत रखने से सुख-समृद्वि में वृद्वि होती है और स्नान दान काफी फलदाई माना जाता है। 










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