गोवा की सियासत में उथल-पुथल..डिप्टी सीएम सुदीन धवलीकर को शपथ के एक हफ्ते बाद हटाया गया
पिछले हफ्ते प्रमोद सावंत की अगुवाई में बीजेपी की नई सरकार के शपथ ग्रहण के महज एक हफ्ते में ही उपमुख्यमंत्री सुदिन धवलीकर को पद से हटा दिया गया है। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में पढ़ें क्या है इसके पीछे की वजह..
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले की सरगर्मी गोवा में भी दिख रही है। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के तीन में से दो विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसी के साथ एमजीपी में भाजपा का विलय हो गया है। दोंनों विधायक अजगांवकर और दीपक पावस्कर को बुधवार को गर्वनर के सामने इन दोनों को शपथ दिला दी गई है।
MGP MLA Deepak Pauskar after merger of Maharashtrawadi Gomantak Legislative Party with BJP: Sudin Dhavalikar (Goa Deputy CM & MGP MLA) should be dropped now. He will be dropped during working hours today. #Goa https://t.co/wBjjprdudD
— ANI (@ANI) March 26, 2019
सीएम प्रमोद सावंत ने गोवा विधानसभा के अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस बारे में जानकारी दी थी। दोनों विधायकों ने मंगलवार देर रात विधानसभा अध्यक्ष माइकल लोबो को विलय पत्र सौंप दिया था। हालांकि इसमें एमजेपी के तीसरे विधायक सुदिन धवलीकर के हस्ताक्षर नहीं थे। धवलीकर ने एक सप्ताह पहले ही उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
गौरतलब है कि मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद भाजपा को गोवा में अपनी सरकार बचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। किसे सीएम बनाया जाए इससे बड़ा प्रश्न उसके सामने बहुमत साबित करना था।
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इस पूरी प्रक्रिया में एमजीपी नेता धवलीकर ने मुख्यमंत्री पद की इच्छा प्रकट की थी। हालंकि उन्हें उपमुख्यमंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा था। लेकिन एक सप्ताह में ही राजनीतिक घटनाक्रम बदला और उनकी कुर्सी आज चली गई। साथ ही एमजीपी का भाजपा में विलय भी हो गया।
पावस्कर को मिल सकता है मंत्री पद
सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि भाजपा में शामिल विधायक पावस्कर को गोवा सरकार में मंत्री पद मिल सकता है।
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दल-बदल विरोधी कानून नहीं आएगा आड़े
दल-बदल विरोधी कानून के तहत कम से कम दो तिहाई विधायक एक साथ पार्टी छोड़ सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में उन्हें एक अलग दल के रूप में मान्यता दी जा सकती है। साथ ही उनकी विधानसभा सदस्यता भी बनी रहती है।