Jharkhand: हजारीबाग में बलात्कार का विरोध करने पर आग के हवाले की गयी युवती की अस्पताल में मौत

डीएन ब्यूरो

हजारीबाग में कथित तौर पर बलात्कार का विरोध करने पर आग के हवाले की गयी 23 वर्षीया एक युवती की इलाज के दौरान रांची के एक अस्पताल में मौत हो गयी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

युवती की अस्पताल में मौत
युवती की अस्पताल में मौत


हजारीबाग: हजारीबाग में कथित तौर पर बलात्कार का विरोध करने पर आग के हवाले की गयी 23 वर्षीया एक युवती की  इलाज के दौरान रांची के एक अस्पताल में मौत हो गयी।

हजारीबाग में सात जनवरी की रात दुष्कर्म के प्रयास का विरोध करने पर चार लोगों ने कथित तौर पर महिला (23 वर्षीया) पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी। इन कथित हमलावरों में तीन उसके रिश्तेदार थे। पुलिस के अनुसार हमले के दिन महिला लगभग 70 प्रतिशत जल चुकी थी। उसका रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में इलाज चल रहा था।

हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनोज रतन चौथे ने पुष्टि की कि महिला की रविवार सुबह रिम्स में मौत हो गई।

हजारीबाग पुलिस ने मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। हालांकि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

मौत से पहले पीड़िता ने हजारीबाग अस्पताल में पुलिस के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था। उसने बताया था कि तीन युवक और उसकी ननद और उसके दो लड़के घर के पीछे के रास्ते से उसके घर में घुसे और जान से मारने की नीयत से उसका मुंह बांधकर उसके शरीर पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभी तक मामले में जांच जारी है और आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में नामजद आरोपियों के अलावा पुलिस घटना में पीड़िता के पति की भूमिका की भी जांच कर रही है। इस मामले में महिला और उसके पति द्वारा दिए गए बयानों में अंतर है।

चौथे ने कहा, ‘‘महिला ने पुलिस को बताया था कि मदद के लिए चिल्लाने पर पड़ोसियों ने उसे बचाया जबकि पति ने दावा किया कि उसने उसे बचाया था। पति पहले से शादीशुदा था और पीड़िता उसकी चौथी पत्नी थी।’’

पुलिस ने महिला के दुष्कर्म के प्रयास के आरोप पर भी संदेह जताया था, क्योंकि अपराध में कथित रूप से शामिल चार आरोपियों में से एक महिला है और वह पीड़िता की भाभी है। भाभी के बेटे भी

कथित तौर पर अपराध में शामिल हैं।

मामले की जांच कर रहे अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अनुज उरांव ने बताया, पीड़िता द्वारा प्राथमिकी में लगाए गए आरोप हमारी प्रारंभिक जांच से मेल नहीं खाते हैं। हमें अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि वह किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।










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