Bihar News: बिहार में फर्जीवाड़े का भंडाफोड़, इन अधिकारियों पर गिरी गाज; जानें क्या है पूरा मामला
बिहार में भूमि सर्वे को लेकर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। जिससे कई अधिकारियों पर मुसिबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

पटना: बिहार में जारी भूमि सर्वेक्षण के बीच जमाबंदी से जुड़े एक बड़े फर्जीवाड़े का मामला उभरकर सामने आया है। इस संदर्भ में संबंधित क्षेत्र के सीओ और राजस्व अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं। दरअसल आरा सदर अंचल में सरकारी सम्पत्ति की फर्जी जमाबंदी का प्रकरण सामने आया जिसके बाद जिला अधिकारी (डीएम) ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई शुरू की।
डीएम ने जांच में जुटने के आदेश दिए
डीएम ने एडीएम डॉ. शशि शेखर को निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले की गहन जांच में जुटें और इसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत करें। डीएम के आदेश के बाद सरकारी भूमि के फर्जीवाड़े में लिप्त कर्मचारियों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। सरकारी नियमों का उल्लंघन कर जमाबंदी कायम करने के इस मामले को लेकर लोगों में रोष है।
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फर्जी जमाबंदी का मामला कब का है
यह फर्जी जमाबंदी का मामला वर्ष 2021 का बताया गया है। आरा शहर के मोती सिनेमा के पास स्थित राजेंद्र नगर मोहल्ले से संबंधित इस जमीन का खाता संख्या 1083 है जिसमें खेसरा नंबर 2380 और 2379 तथा थाना संख्या 237 शामिल है। यह भूमि गैर मजरूआ श्रेणी में आती है और इसे किसी निजी व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी करने की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद तब के सीओ राजकुमार ने अनधिकृत रूप से पांच व्यक्तियों के नाम पर जमाबंदी स्थापित कर दी।
किन व्यक्तियों के नाम पर फर्जी जमाबंदी की गई
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जिन व्यक्तियों के नाम पर यह फर्जी जमाबंदी की गई है । उनमें रंजीत बहादुर माथुर इंद्रजीत बहादुर माथुर किशोर चंद्र माथुर गिरजा बहादुर माथुर और गिरिराज बहादुर माथुर शामिल हैं। सभी अधिकारी बाबू बाजार क्षेत्र के निवासी हैं। वर्ष 2022 से इस भूमि की खरीद-फरोख्त का सिलसिला भी शुरू हो गया था। इसके साथ ही सीओ ने बिना किसी वैध अनुमति के भूमि का रकबा भी बढ़ा दिया।
इस मामले के उजागर होने के बाद डीएम तनय सुल्तानिया ने स्पष्ट किया है कि आरा सदर अंचल में सरकारी संपत्ति की अवैध जमाबंदी करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कठोरतम कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने एडीएम को इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। जांच पूरी होने के बाद जो भी व्यक्ति या अधिकारी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।