फतेहपुर: अवारा पशुओं को लेकर भिड़े ग्रामीण, एसडीएम से भी झड़प, जानिये पूरा मामला

डीएन संवाददाता

आवारा पशुओं को लेकर दो गांवों के बीच हंगामा हुआ। मौके पर पहुंचे खागा के एसडीएम से ग्रामीणों ने बहस की। डाइनामाइट न्यूज़ पर जानिए पूरा मामला



फतेहपुर: इलाके के कई गांव अवारा पशुओं की वजह से परेशान हैं। यहां दो गांवों के बीच अन्ना मवेशी (आवारा पशु) को लेकर उस वक्त हंगामा शुरू हो गया है, जब दरियापुर गांव में गाड़ी ने आवारा पशुओं को रास्ते पर छोड़ दिया। आवार पशुओं को लेकर दोनों गावों के लोगों में झड़प हो गई। शासन की बदइंतजामी को लेकर एसडीएम के साथ भी ग्रामीणों की बहस हुई। ग्रामीणों की खींचतान के बीच पिकअप में लदे कुछ पशुओं द्वारा मौके पर ही दम तोड़ दिया।

ये है मामला 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक रक्षपालपुर गांव के ग्रामीण चार गाड़ियों में अवारा पशु को भरकर गढ़ा गौशाला छोड़ने जा रहे थे। लेकिन गौशाला के कर्मचारियों ने अवारा पशुओं को लेने से मना कर दिया। जिसके बाद ग्रामीणों ने अवारा पशुओं को दरियापुर गांव में छोड़ दिया।

पशुओं को बीच रास्ते और गांव की शरहद में छोड़ने को लेकर दरियापुर गांव के ग्रामीण भड़क गये और वे  रक्षपालपुर गांव के लोगों का विरोध करने लगे। जिसके बाद मौके पर हंगामा हो गया। लगभग तीन घंटे तक चले इस बवाल और खींचतान में गाड़ी में भरे कई अन्ना मवेशी भी मौके पर मर गए। 

हंगामे की सूचना के बाद खागा के एसडीएम मनीष कुमार मौके पर पहुंचे। प्रशासन की बदइंतजामी को लेकर ग्रामीण एसडीएम से नाराज हो गये और एसडीएम से नोकझोक करने लगे।

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में एसडीएम ने बताया कि रक्षपालपुर के प्रधान का फ़ोन आया था। प्रधान  ने कुछ आवारा पशुओं को पकड़ने की बात कही थी। वह पशुओं को गढ़ा गौशाला में छोड़ने जा रहे थे लेकिन गौशाला कर्मचारियों ने मवेशियों के छोटे बच्चे लेने से मना कर दिया। मामले में कुछ गलतफहमी की वजह से ग्रामीणों को यह लगा कि वो आवारा पशु हैं, जिसके बाद दो गांवों के बीच इस बात को लेकर हंगमा शुरू हो गया। 

डाइनामाइट न्यूज़ से एसडीएम ने आगे कहा कि मामले कि जांच कराकर आगे उचित कार्रवाई की जायेगी। 










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