फतेहपुर: डीएम सी. इंदुमती ने एआरटीओ ऑफिस पर मारा छापा, विभाग में मचा हड़कंप

डीएन संवाददाता

फतेहपुर में आज एक बड़ी कार्रवाई के तहत जिलाधिकारी सी. इंदुमती ने एआरटीओ कार्यालय में अचानक छापा मारा। इस छापेमारी से विभाग में हड़कंप मच गया। पढ़िए डायनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

जिलाधिकारी सी. इंदुमती ने एआरटीओ कार्यालय में अचानक छापा मारा
जिलाधिकारी सी. इंदुमती ने एआरटीओ कार्यालय में अचानक छापा मारा


फतेहपुर: जिले में आज एक बड़ी कार्रवाई के तहत जिलाधिकारी सी. इंदुमती ने एआरटीओ कार्यालय में अचानक छापा मारा। डीएम द्वारा यह कार्रवाई कई शिकायतों के बाद की गई, जिनमें आरोप लगाया गया था कि एआरटीओ कार्यालय में दलाल और बाहरी व्यक्ति खुलेआम काम कर रहे थे।

डायनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार डीएम के छापे की खबर मिलते ही एआरटीओ ऑफिस के बाहर बैठे दलाल अपनी दुकानें बंद कर फरार हो गये। डीएम के पहुंचने पर चारों ओर अफरा-तफरी मच गई और कई संदिग्ध व्यक्ति मौके से भागने की कोशिश करने लगे। 

शिकायतों पर कड़ी फटकार

पिछले कई महीनों से एआरटीओ कार्यालय में हो रही अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए डीएम इंदुमती ने छापा मारा और एआरटीओ एवं पीटीओ को कड़ी फटकार लगाई। डीएम ने कहा कि ऐसे मामलों में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गंदगी और अव्यवस्था

छापेमारी के दौरान डीएम ने कार्यालय में फैली गंदगी और अव्यवस्थाओं पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने तुरंत सफाई कराने और कार्यालय को व्यवस्थित करने के आदेश दिये। डीएम ने कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि कार्यालय की स्थिति में सुधार लाने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं।

संदिग्ध हिरासत में

इस छापेमारी के दौरान डीएम के निर्देश पर पुलिस ने लगभग दो दर्जन से अधिक मोटरसाइकिलों और एक दर्जन संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इन सभी से पूछताछ की जा रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि वे किस उद्देश्य से वहां मौजूद थे। वहीं डीएम की इस कार्रवाई की आम जनता ने सराहना की है। लोगों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता आएगी। 

डीएम सी. इंदुमती ने स्पष्ट किया है कि ऐसी छापेमारी आगे भी जारी रहेंगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी यह मुहिम तब तक चलेगी जब तक विभागों में स्वच्छता और पारदर्शिता सुनिश्चित नहीं हो जाती।










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