Farmers Protest: सरकार से बातचीत से पहले फिर अड़े किसान, राकेश टिकैत बोले- संशोधन से नहीं बनेगी बात
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान आज एक बार सरकार से होने वाली बातचीत से पहले अपनी मांगों पर अड़ गये हैं। उनका कहना है कि कानून में संशोधन करने का सरकार का प्रस्ताव उन्हें मंजूर नहीं हैं। डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान आज एक बार सरकार से होने वाली बातचीत से पहले अपनी मांगों पर अड़ गये हैं। उनका कहना है कि कानून में संशोधन करने का सरकार का प्रस्ताव उन्हें मंजूर नहीं हैं। किसानों का कहना है कि कानून को रद्द करने या वापस लेने के बाद ही आंदोलन खत्म हो सकता है।
A delegation of farmers leaders leave Singhu border to hold talks with Centre over three farm laws
— ANI (@ANI) December 30, 2020
Union Government will hold sixth round of talks with the protesting farmers today. pic.twitter.com/RamZKPxwrQ
सरकार के साथ बातचीत से पहले किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार कानून वापस नहीं लेगी तो प्रदर्शन खत्म नहीं होगा। सरकार को कानून वापस लेना ही पड़ेगा, संशोधन पर बात नहीं बनेगी।
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Five rounds of talks between farmers and govt have taken place. We don't think we will reach a solution even today. The three farm laws should be repealed: Sukhwinder Singh Sabra, Joint Secy, Kisan Mazdoor Sangharsh Committee, Punjab ahead of the sixth round of talks with govt pic.twitter.com/AFZQ2xBars
— ANI (@ANI) December 30, 2020
सरकार और किसान संगठनों के बीच आज बुधवार को दोपहर 2 बजे से बैठक होगी। इस बैठक में केंद्र सरकार के मंत्री, कृषि मंत्रालय के अधिकारी और आंदोलन कर रहे 40 किसान संगठनों के नेता शामिल होंगे। किसानों और सरकार के बीच यह अब तक की छठे राउंड की चर्चा होगी।
It's essential to have strong opposition in the country whom the govt fears but here they don't. This is why farmers had to come on roads. Opposition should sit in pitched tents& stage protest on roads against the farm laws: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union at Ghazipur border pic.twitter.com/2l4XQYAt5m
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— ANI (@ANI) December 30, 2020
सरकार से होने वाली बातचीत से पहले जिस तरह से किसान नये कृषि कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं, उससे आंदोलन खत्म करने में गतिरोध बने रहने की संभावना बनी हुई है।
किसानों ने सरकार से मुलाकात से पहले अपने चार मुख्य मुद्दे गिना दिए हैं, लेकिन सरकार भी कानून ना वापस लेने के मूड में है। किसानों की मांग है कि नये कृष कानून को रद्द किया जाये लेकिन सरकार ऐसा न करके इसमें कुछ संशोधन करने की इच्छा जता चुकी है। दोनों अपनृअपनी बातों पर अड़े हुए हैं। सरकार और किसानों के बीच चले आ रहे गतिरोध को खत्म करने के लिये नये साल से पहले यह आखिर मौका भी होगा, इसलिये इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है।