Kisan Andolan: सरकार-किसानों के बीच 7वें दौर की वार्ता आज, किसान नेताओं ने दोहराई ये मांगे, जानिये ताजा अपडेट
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। आंदोलन के 40वें दिन आज एक बार फिर किसानों और सरकार के बीच बातचीत होनी है। जानिये, इससे जुड़ा ताजा अपडेट
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसानों के आंदोलन का आज 40वीं दिन है। आज किसान संगठनों के नेताओं और सरकार के बीच दोपहर दो बजे से दिल्ली के विज्ञान भवन में अगले दौर की बातचीत होनी प्रस्तावित है। सरकार और किसानों के बीच सातवें दौर की इस वार्ता से आंदोलन की समाधान को लेकर काफी उम्मीदें जतायी जा रही है। लेकिन बातचीत से ठीक पहले किसानों ने आज सुबह फिर अपनी मांगों को दोहराया और बातचीत में मांगे न मानने पर आंदोलन को और बड़ा रूप देने का ऐलान किया।
आज होने वाली बातचीत से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि मीटिंग का एजेंडा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट, तीन कृषि क़ानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर क़ानून बनाना रहेगा। ये मांगे न माने जाने तक हम वापस नहीं जाएंगे। अब तक 60 किसान शहीद हो चुके हैं. सरकार को जवाब देना होगा।
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किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि अगर आज तीनों कानूनों को निरस्त करने की बात नहीं बनती और MSP गारंटी का कानून नहीं आता तो हमारे अगले कार्यक्रम पहले से ही तैयार हैं। 6 जनवरी को ट्रैक्टरों पर मार्च किया जाएगा, 7 जनवरी को देश को जगाने की कवायद शुरू होगी।
अब तक केंद्र सरकार और किसान यूनियनों के बीच छह दौर की वार्ता हो चुकी है। हालांकि, कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीत जारी गतिरोध अबी तक समाप्त नहीं हो सकी है। बातचीत से पहले केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने उम्मीद जताई है कि इस बातचीत से समाधान निकल जाएगा और तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जल्द समाप्त होगा।
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कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के समर्थन में बौद्ध भिक्षु गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे हैं और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा कई राज्यों के किसानों का धरना-प्रदर्शन भी बॉर्डर पर लगातार जारी है।