Farmers Protest: आंदोलनकारी किसान अपनी मांगों परअडिग, नहीं बनी सरकार से बात, जानिये हर ताजा अपडेट
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले हुए किसानों का आंदोलन जारी है। शनिवार देर शाम तक सरकार से साथ चली बातचीत में कोई सहमति नहीं बन सकी। जानिये, इस मामले से जुड़ा ताजा अपडेट
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले हुए किसानों का पिछले 10 दिनों से लगातार जारी है। कल शनिवार को देर शाम तक पांच घंटे से अधिक समय तक सरकार से साथ चली बातचीत में किसानों की कोई सहमति नहीं बन सकी। किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। दूसरी तरफ सरकार भी किसान की मांगों पर नहीं झुकना चाहती है, जिस कारण किसान आंदोलन की समस्या गहराती जा रही है।
शनिवार को पांच घंटे की वार्ता में किसान और सरकार किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सके। जिसके बाद 9 दिसंबर को एक बार बैठक का फैसला लिया गया। बुधवार को दोनों पक्ष फिर आमने-सामने होंगे।
सरकार से बातचीत फेल होने के बाद दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन जारी है। बॉर्डर के अलावा दिल्ली के बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में भी किसान आंदोलन कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे किसान कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों के समर्थन में भारतीय परिवहन संघ ने 8 दिसंबर से हड़ताल की चेतावनी दी है।
कल दोपहर दो बजे से सरकार और किसानों के बीच बातचीत शुरू हुई। बैठक में सरकार की ओर से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे। किसानों की ओर से बैठक में उनके 40 प्रतिनिधि शामिल रहे। बैठक शुरू होने से पहले ही किसानों ने अपने तेवर दिखा दिए थे और बैठक खत्म होने तक भी वे अपनी मांगों पर अड़े रहे। किसानों की मांग है कि सरकार नये कृषि कानून को रद्द करे। लेकिन सरकार इस मूड़ में नहीं है।
किसानों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों संग अच्छे माहौल में चर्चा हुई। हमने किसान नेताओं से कहा कि MSP जारी रहेगी। लेकिन फिर भी किसी के मन में शंका है तो सरकार उसका समाधान करने के लिए तैयार है। सरकार चाहती है APMC और मजबूत हो, सरकार इसके लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि सरकार APMC पर गलतफहमी को दूर करने के लिए तैयार है। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के साथ अब 9 दिसंबर को वार्ता होगी। सबकी सहमति से बातचीत की इस तारीख को तय किया गया है।