Dynamite Alert: कोलकाता कांड की काली कहानी के डरावने पहलू
कभी आधुनिक भारत का सशक्त हस्ताक्षकर कहा जाने वाला कोलकाता शहर इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में 31 साल की लेडी डॉक्टर से हुई दरिंदगी ने एक बार दिल्ली के निर्भया कांड से मिले घावों को हरा कर दिया है। डाइनामाइट अलर्ट में देखिये कोलकाता कांड से जुड़े बड़े खुलासे।
नई दिल्ली: देश को एक और निर्भया कांड (Nirbhaya 2) ने झकझोर कर रख दिया है। कभी आधुनिक भारत का सशक्त हस्ताक्षकर कहा जाने वाला कोलकाता (kolkata) शहर इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज (R G Kar Medical College) और हॉस्पिटल में 31 साल की लेडी डॉक्टर (Lady Doctor) से हुई दरिंदगी (Horror) ने एक बार दिल्ली के निर्भया कांड से मिले घावों को हरा कर दिया है।
आरजीकर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर की बलात्कार के बाद निर्मम हत्या (Brutal Murder) कर दी गई। दरिंदगी ऐसी कि मौत भी भयभीत हो जाये। लेडी डॉक्टर से हैवानियत और दरिंदगी की इस घटना को जिसने अंजाम दिया, वह इसी मेडिकल कॉलेज का संविदा कर्मी था। लेडी डॉक्टर की मौत से देश भर के डॉक्टरों में भारी आक्रोश और भय है। कोलकाता कांड के बाद लोगों के जीवन की रक्षा करने वाले डॉक्टर खुद अपनी जान की रक्षा को लेकर संशकित हैं और वे देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ के डाइनामाइट अलर्ट (Dynamite Alert) में आज हम इसी कोलकाता कांड को परत दर परत उजागर करेंगे और दरिंदगी, रेप, हत्या, हैवानियत की इस बीभत्स घटना को लेकर कई नये खुलासे करेंगे।
एक और निर्भया कांड से दहला देश
देश और राजधानी दिल्ली को दहलाने वाले निर्भया कांड का जिक्र होते ही आज भी हर किसी के रोंगेट खड़े हो जाते है। 11 साल और लगभग 8 माह पहले निर्भया कांड ने पूरे देश को झकझोकर कर रख दिया था। कुछ हैवानों ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थी। 16 दिसंबर 2012 की एक सर्द भरी रात में दिल्ली की सड़कों पर एक पैरा मेडिकल छात्रा से दरिंदगी और हैवानियत होती रही। दरिंदगी भी ऐसी कि जिसका जिक्र ही रूह को कंपा दे। दरिंदगी की शिकार निर्भया ने कुछ दिनों बाद अस्पताल में छटपटाते हुए पापी लोगों का साथ छोड़ दिया और हमेशा के लिये हमारे बीच से ओझल हो गई।
बहादुर निर्भया की अकाल मौत पर देश का गुस्सा फूट पड़ा और पूरी दुनिया में फैल गया। इंसाफ के लिये सरकार की हर दहलीज पर दस्तक दी गई। कानून, कोर्ट-कचहरी, पुलिस, प्रशासन और हर सिस्टम का हर दरवाजा खटखटाया गया। निर्भया के लिये इंसाफ की मांग एक जनांदोलन का रूप ले चुकी थी। इसी आंदोलन की कोख से बच्चों के विरूद्ध बढते लैंगिक अपराधों की रोकथाम के लिये बने पॉक्सो एक्ट का जन्म हुआ, जिसमें अपराधी को मृत्युदंड तक का प्रावधान किया गया। तब एक बारगी लगा था कि देश में बच्चों और महिलाओं के प्रति होने वाले यौन अपराधों में कमी आयेगी लेकिन कमी आई नहीं। देश में साल-दो साल में निर्भया जैसी दरिंदगी की घटनाओं की पुनरावृत्ति होती रहती है, जो बेहद चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है।
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सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को लगाई फटकार
कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए दिल्ली की निर्भया जैसे रेप और मर्डर को लेकर देश की जनता एक बार फिर आक्रोशित है। डॉक्टरों से लेकर महिलाओं और आम जनता में भय का माहौल है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। शीर्ष अदालत ने इस मामले पर ममता सरकार समेत संबंधित प्राधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है। कोलकाता सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल कोर्ट में पेश हुए।
सीजेआई की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच ने ममता सरकार का पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल के सामने सवालों की बौछार की। कोर्ट ने कड़े शब्दों में पूछा कि बॉडी आठ बजे रात को पैरेंट्स को दी गई और उसके बाद 11 बजकर 45 मिनट पर केस दर्ज क्यों हुआ? कोर्ट ने आगे पूछा कि क्यों शुरुआत में मर्डर केस दर्ज नहीं किया गया? कॉलेज के प्रिंसिपल उस समय क्या कर रहे थे? उन्होंने एक्शन क्यों नहीं लिया? हैरानी की बात रही कि ज्यादातर सवालों को लेकर सिब्बल और ममता सरकार के पास भी जवाब नहीं थे।
चीफ जस्टिस ने ये भी पूछा कि कॉलेज के प्रिंसिपल ने एक्शन क्यों नहीं लिया? चीफ जस्टिस ने अस्पताल में भारी भीड़ घुसने पर भी सवाल किया कि जब अस्पताल में मॉब पहुंचा तो पुलिस क्या रह रही थी? पुलिस ने क्राइम सीन को क्यों प्रोटेक्ट नहीं किया? मॉब को अंदर कैसे जाने दिया गया? प्रिंसिपल के इस्तीफा देने पर क्या उन्हें कहीं और नियुक्त किया गया? हैरानी की बात यह रही कि सुप्रीम कोर्ट की बेंच की ओर से पूछे गए सवालों का कपिल सिब्बल के पास कोई जवाब नहीं था।
सुप्रीम कोर्ट ने टास्क फोर्स को भी डेडलाइन दी है। सीजेआई के नेतृत्व में जारी निर्देशों के अनुसार, टास्क फोर्स को तीन हफ्ते में रिपोर्ट देनी होगी। उसके बाद दो महीने में फाइनल रिपोर्ट देनी होगी। सीजेआई ने कहा कि राज्य सरकार यानी ममता सरकार को भी अस्पताल में तोड़फोड़ के बारे में स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक मामला नहीं बल्कि देश भर के डॉक्टर नर्स के सेफ्टी का मसला है।
निर्भया की मां ने साझा किया दर्द
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कोलकाता में हुई इस दरिंदगी पर दिल्ली में लगभग 12 साल पहले हुए रेप और मर्डर का शिकार हुई निर्भया की मां भी फिर एक बार सामने आई। दिल्ली की निर्भया की मां ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर कड़ा आक्रोश व्यक्ति किया और कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को इस्तीफा दे देना चाहिए।
निर्भया की मां ने आरोप लगाया कि ममता सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय मुद्दे से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहीं हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा है कि जब तक केंद्र और राज्य सरकारें हैवानियत करने वालों को अदालत से तत्काल सजा दिलाने को लेकर गंभीर नहीं होंगी, तब तक आए दिन देश के विभिन्न हिस्सों से इस तरह की बर्बर घटनाएं सामने आती रहेंगी। निर्भया की मां ने कहा कि अराजक तत्वों की भीड़ का अस्पताल परिसर पर धावा बोलकर घटना से संबंधित साक्ष्यों को नष्ट करना और प्रदर्शनकारी चिकित्सकों पर हमला करना शर्मनाक है।
डाक्टर उतरे सड़को पर
कोलकाता की इस घटना को लेकर देश भर के रेजिडेंट डॉक्टर आक्रोशित हैं। इस घटना के बाद लोगों के जीवन को सुरक्षित बनाने वाले डॉक्टरों को खुद अपना जीवन असुरक्षित लग रहा है लिहाज वे अस्पतालों में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
डाक्टर्स का कहना है जबतक सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर पुख्ता कदम उठा केस से जुड़े सभी दोषियों को कड़ी सजा नहीं देगी तबतक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। डाक्टर्स ने मांग की है उनकी सुरक्षा के लिए सरकार कानून बनाय़े साथ ही अस्पताल में भी सुरक्षा के इंतजाम किये जाये ताकि इस तरह की घटना दुबारा ना हो। हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से हड़ताल छोड़कर काम पर लौटने की अपील की है ताकि अस्पतालों में भर्ती रोगियों समेत आम आदमी के जीवन पर हड़ताल भारी न पड़े।