यूपी मेंअसमय बरसात और ओलावृष्टि से किसानों के चेहरे सूखे, जानिये सरकार के इन उपायों के बारे में
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि मार्च में प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में हुई असमय वर्षा और ओलावृष्टि के कारण किसान और कृषि उपज पर व्यापक दुष्प्रभाव पड़ा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि मार्च में प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में हुई असमय वर्षा और ओलावृष्टि के कारण किसान और कृषि उपज पर व्यापक दुष्प्रभाव पड़ा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा कि विगत 24 घंटों में भी प्रदेश के नौ जनपदों में ओलावृष्टि की सूचना है तथा संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है।
एक सरकारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने शनिवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक में विगत दिनों प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हुई असमय वर्षा और ओलावृष्टि से उपजी स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
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प्रदेश की अद्यतन स्थिति के संबंध में राजस्व विभाग के प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता किसानों का हित सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मार्च में प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में हुई असमय वर्षा और ओलावृष्टि के कारण किसान और कृषि उपज पर दुष्प्रभाव पड़ा है। विगत 24 घंटों में भी प्रदेश के नौ जनपदों में ओलावृष्टि की सूचना है। संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है।’’
बयान के मुताबिक, ‘‘मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति अगले दो-तीन दिन और रहने की संभावना है। इसके लिए सभी आवश्यक सतर्कता प्रबंध किये जाएं। असमय बरसात, ओलावृष्टि के कारण जिस भी किसान की फसल प्रभावित हुई है, उन्हें राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा उसका आकलन कर नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि उपलब्ध कराने में देर न हो।’’
मुख्यमंत्री ने मौसम पूर्वानुमान के बारे में किसानों को समय से जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मौसम विज्ञानियों की चेतावनियों के बारे में सुदूर गांवों तक किसान को टीवी, अखबार एवं स्थानीय प्रशासन के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराये जाएं तथा यह पूर्वानुमान 24-48 घंटे का हो, ताकि लोग चौकन्ना रहें और क्षति कम से कम हो।
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उन्होंने कहा कि बरसात, तेज हवा, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक कारणों से गेहूं आदि की फसलें खराब हो सकती हैं और इनसे फसलों की गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी फसलों की भी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत की जानी चाहिए और इसके लिए आवश्यकतानुसार नियम में ढील दिये जाने को लेकर आवश्यक प्रस्ताव तैयार किये जाएं।