रायबरेली: फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए रचा गया बांग्लादेशियों को नागरिकता दिलाने का षड्यंत्र

डीएन संवाददाता

रायबरेली के सलोन कस्बे में एटीएस द्वारा जांच में पकड़े गए करीब 20 हजार फर्जी प्रमाण पत्रों की कड़ियां बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों से जुड़ती नजर आ रही हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये पूरी रिपोर्ट

पुलिस के द्वारा पकड़ा गया जिशान खान
पुलिस के द्वारा पकड़ा गया जिशान खान


रायबरेली: जिले के सलोन कस्बे में एटीएस द्वारा जांच में पकड़े गए करीब 20 हजार फर्जी-प्रमाण पत्रों की कड़ियां बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों से जुड़ती नजर आ रही हैं। एटीएस की जांच में यह बात सामने आ रही है कि यहां पर घुसपैठियों को भारतीय नागरिकता दिलाने का षड्यंत्र चल रहा था। इसके बदले जन सेवा केंद्र संचालक जीशान खान, सोहेल और रियाज ने मोटी कमाई की थी। इसी कमाई के दम पर इन्होंने रायबरेली व लखनऊ में करोड़ों रुपये की संपत्ति भी बनाई है।

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सलोन के तार अब अन्य राज्यों कर्नाटक, केरल और मुंबई से जुड़ चुके हैं। इस महीने कर्नाटक पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया ( पीएफआई ) के एक सदस्य को दबोचा था। उसका जन्म प्रमाण पत्र भी यही से बना था। जांच के लिए टीम रायबरेली पहुंची तो धीरे-धीरे मामला खुलने लगा। इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण योगदान सलोन के भाजपा विधायक अशोक कुमार कोरी का है। इन्होंने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया। शुरू में तो जिला प्रशासन ने मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन जब ऊपरी स्तर पर शासन के द्वारा जांच एसटीएफ को सौंप दी गई तब मामले ने तूल पकड़ा।

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विधायक अशोक कुमार के अनुसार 19180 प्रमाण पत्र में से 810 प्रमाण पत्र ही भारतीयों के बने हैं, बाकी सब बांग्लादेश व अन्य जिलों के लोगों के बना दिए गए हैं। इस मामले में ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव की यूजर आईडी और पासवर्ड का प्रयोग करके सीएससी संचालक मोहम्मद जीशान, रियाज और सोहेल खान ने फर्जी प्रमाण पत्र बनाए। इस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सभी को जेल भेज दिया है।










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