पीएम मोदी के वीडियो संदेश के खिलाफ शिकायत लेकर निर्वाचन आयोग पहुंची कांग्रेस, जानिेये क्या हुआ

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक वीडियो संदेश को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के संदर्भ में आचार संहिता का खुला उल्लंघन करार दिया और निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि उसे अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

आचार संहिता का खुला उल्लंघन
आचार संहिता का खुला उल्लंघन


नयी दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक वीडियो संदेश को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के संदर्भ में आचार संहिता का खुला उल्लंघन करार दिया और निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि उसे अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करते हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि यह निर्वाचन आयोग के लिए ‘अग्निपरीक्षा’ है।

कांग्रेस महासचिव और पार्टी के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री के वीडियो संदेश के खिलाफ निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रतिवेदन देकर शिकायत की है। इसमें उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयानों का उल्लेख करते हुए कहा कि कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं ने आचार संहिता का सरेआम उल्लंघन किया है।

प्रतिवेदन में कहा गया है, ‘‘यदि भाजपा के ये नेता जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 के तहत दोषी पाए जाते हैं, तो संसद या विधानसभाओं की सदस्यता से उन्हें अयोग्य ठहराया जा सकता है।’’

कांग्रेस ने अपने पहले के ज्ञापनों और भाजपा के प्रमुख नेताओं के बयानों का उल्लेख भी आयोग के समक्ष किया है।

सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘यदि प्रधानमंत्री निर्वाचन कानूनों, आचार संहिता और निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों का सरेआम उल्लंघन करते हैं, यदि प्रधानमंत्री कानून के तहत लागू चुनाव प्रचार थमने और मतदान के बीच की अवधि के प्रावधान का हनन करते हैं, यदि प्रधानमंत्री कानून और निर्वाचन आयोग के प्राधिकार को मानने से इनकार करते हैं, यदि वह इस अवधि के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं, तो क्या आयोग को मूक और असहाय बने रहना चाहिए या फिर अनुच्छेद 324 के तहत अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए?’’

उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री पर कानून लागू होता है या नहीं?

सुरजेवाला ने कहा कि यह चुनाव आयोग के लिए सही मायने में अग्निपरीक्षा की है।

कांग्रेस प्रवक्ता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कदम भाजपा की हताशा और निराशा को दिखाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘एकदम स्पष्ट है कि कर्नाटक में भाजपा पराजित होगी।’’

उल्लेखनीय है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के तहत बुधवार को होने वाले मतदान से एक दिन पहले राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की वापसी की पुरजोर वकालत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें पिछले कुछ दिनों में राज्य में अद्वितीय स्नेह मिला है और इससे सभी क्षेत्रों में राज्य को पहले नंबर पर पहुंचाने का उनका दृढ़ संकल्प और मजबूत हुआ है।

उन्होंने कर्नाटक को देश का नंबर एक राज्य बनाने के ‘अभियान’ में जनता का आशीर्वाद भी मांगा।

एक वीडियो संदेश के जरिए उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक के हर नागरिक का सपना, मेरा सपना है। आपका संकल्प, मेरा संकल्प है। हम साथ में आएं और एक लक्ष्य की ओर अपना ध्यान केंद्रित करें, तो दुनिया की कोई ताकत हमें नहीं रोक सकती।’’

कर्नाटक की सभी 224 विधानसभा सीट के लिए बुधवार को मतदान होगा। मतगणना 13 मई को होगी।

 










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