Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के चौथे दिन ऐसे करे मां कुष्मांडा की पूजा, जानिए दिव्य मंत्र और पूजा के विधि- विधान
चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा करना अति आवश्यक है। डाइनामाइट न्यूज की इस खास रिपोर्ट में पढ़िए माता के दिव्य मंत्रों और पूजा के विधि के बारे में
नई दिल्ली: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन को मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार नवरात्र के चौथे दिन माता कुष्मांडा की विधि-विधान के साथ उपासना की जाती है।
मां कुष्मांडा तेज की देवी हैं और मान्यता है कि इनकी आराधना करने से यश, बल और बुद्धि में वृद्धि होती है।
डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट में पढ़िए चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र।
देवी कुष्मांडा को लेकर भगवती पुराण में बताया गया है कि मां दुर्गा के चौथे स्वरूप की देवी ने अपनी मंद मुस्कान से ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था, इसलिए इनका नाम कुष्मांडा पड़ा।
ऐसी मान्यता है कि जब सृष्टि के आरंभ से पहले चारों तरफ सिर्फ अंधेरा था। ऐसे में मां ने अपनी हल्की सी हंसी से पूरे ब्रह्मांड के रचा था।
वह सूरज के घेरे में रहती हैं और उन्हीं के अंदर इतनी शक्ति है कि वह सूरज की तपिश को सह सकती हैं।
हिन्दू पुराणों में मां कुष्मांडा के स्वरूप को बहुत ही दिव्य और अलौकिक माना जाता है। मां कुष्मांडा शेर पर सवारी करते हुए प्रकट होती हैं।
अष्टभुजाधारी मां, मस्तक पर रत्नजड़ित मुकुट धारण किए हुए हैं अत्यंत दिव्य रूप से सुशोभित हैं। मां कुष्मांडा ने अपनी आठ भुजाओं में कमंडल, कलश, कमल, सुदर्शन चक्र, गदा, धनुष, बाण और अक्षमाला धारण किया है।
मां कुष्मांडा की पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सबसे पहले पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र कर लें। मां कूष्मांडा को पीला रंग अति प्रिय है। इस लिए मां कुष्मांडा की पूजा में पीले रंग के वस्त्र अवश्य धारण करने चाहिए।
लकड़ी की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें और मां कुष्मांडा का स्मरण करें। पूजा के समय देवी को पीला चंदन लगाएं और मां कुष्मांडा को कुमकुम, मौली, अक्षत चढ़ाएं।
अब एक पान के पत्ते में थोड़ा सा केसर लें और ओम बृं बृहस्पते नमः मंत्र बोलते हुए देवी को अर्पित करें। इसके बाद माता की आरती उतारें और मां के प्रसाद के घर के सदस्यों में वितरित करें।
मां कूष्मांडा के सिद्ध बीज मंत्र
1. ऐं ह्री देव्यै नम:।
माँ कूष्माण्डा का पूजन मंत्र
1. सुरासम्पूर्णकलशं, रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां, कूष्मांडा शुभदास्तु मे।।
2. या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
मां कुष्मांडा के बीज मंत्रों का जाप एक माला यानी 108 बार करना शुभ माना जाता है। मां कूष्माण्डा के बीज मंत्रों का जाप करने से आप जीवन में हमेशा उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं।