सीबीडीटी ने ओएनडीसी पर ई-खुदरा विक्रेताओं के लिए टीडीएस देनदारी को किया स्पष्ट

आयकर विभाग ने सरकार के ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स के जरिए व्यापार करने वाले ई-खुदरा विक्रेताओं की टीडीएस देनदारी को स्पष्ट किया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 29 December 2023, 1:40 PM IST
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नयी दिल्ली:  आयकर विभाग ने सरकार के ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स के जरिए व्यापार करने वाले ई-खुदरा विक्रेताओं की टीडीएस देनदारी को स्पष्ट किया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एफएक्यू के अनुसार, ई-वाणिज्य कारोबार मंच ओएनडीसी पर लिए गए आर्डर के लिए सुविधा/पैकेजिंग/शिपिंग शुल्क को शामिल करने के बाद सकल बिक्री राशि से एक प्रतिशत टीडीएस काटा जाएगा।

ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की एक पहल है। इसका मकसद छोटे खुदरा विक्रेताओं को डिजिटल कॉमर्स का फायदा उठाने में मदद करने के वास्ते एक सुविधाजनक मॉडल तैयार करना है।

सीबीडीटी को इस बात पर स्पष्टता की मांग करते हुए अभ्यावेदन प्राप्त हुआ था कि आईटी कानूनों के तहत स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के अनुपालन के लिए कौन उत्तरदायी होना चाहिए।

कानून के तहत, प्रत्येक ई-वाणिज्य संचालक को अपने मंच के माध्यम से बेची गई वस्तुओं/सेवाओं की बिक्री राशि पर एक प्रतिशत की दर से टीडीएस काटना आवश्यक है।

सीबीडीटी ने स्पष्ट किया कि ऐसी स्थिति में जहां कई ई-वाणिज्य संचालक (ईसीओ) मंच के जरिए एक ही लेनदेन करते हैं तो टीडीएस अनुपालन आपूर्तिकर्ता पक्ष द्वारा किया जाएगा जो अंततः आपूर्तिकर्ता को भुगतान करता है।

ओएनडीसी का गठन 31 दिसंबर, 2021 को ‘सेक्शन-आठ’ कंपनी के रूप में किया गया था। ‘सेक्शन-आठ’ कंपनी एक गैर-लाभकारी संगठन होता है जिसका मकसद धर्मार्थ गतिविधियों, कला, विज्ञान, शिक्षा एवं खेल को बढ़ावा देना होता है।

 

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