BNS, BNSS, IEA: देश में आज से तीन नए अपराधिक कानून हुए लागू, जानिये इनकी खास बातें

आज 1 जुलाई 2024 से तीन नए अपराधिक कानून लागू हो गए हैं। नए कानून में न्याय दिलाने, सजा के बढ़ाने के साथ ही नए अपराध भी जोड़े गये हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 1 July 2024, 1:00 PM IST
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नई दिल्ली: देश में तीन नए अपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम आज से लागू हो गये हैं। भारतीय न्याय संहिता कानून अब आईपीसी की जगह लेगा। नए कानून लागू होने के बाद पूरा सिस्टम ऑनलाइन होगा। 
देश की राजधानी दिल्ली में नए कानूनों के तहत पहली एफआईआर भी आज तड़के दर्ज भी हो गई है। यह एफआईआर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन क्षेत्र के कमला नगर थाने में दर्ज की गई। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस नए कानून में बलात्कार की धारा 375 व 376 की जगह 63 होगी। बता दें कि भारतीय न्याय संहिता में 21 नए अपराध जोड़े गए हैं। मॉब लिंचिंग इनमें से एक है। नए कानून के तहत अपराधों में सजा को भी बढ़ाया गया है। इसके तहत कुछ बदलाव होंगे, जिसका जिक्र नीचे किया गया है...

1.  नये कानूनों से जीरो एफआईआर, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना, ‘एसएमएस’ के जरिये समन भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल किये गये हैं। 

2.  इस कानून के तहत कोई भी व्यक्ति बिना थाने गये इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम से घटना की रिपोर्ट दर्ज हो सकेगी। 

3. महिलाओं, 60 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों, पंद्रह वर्ष की आयु से कम उम्र के लोगों व दिव्यांग एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को पुलिस थाने आने से छूट दी जाएगी, वे अपने घर पर ही पुलिस सहायता प्राप्त कर सकेंगे।

4.  नये कानूनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी गयी है। इसमें मुकदमा दर्ज होने के दो माह के अंदर जांच पूरी की जाएगी। महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराध पीड़ितों को सभी अस्पतालों में निशुल्क प्राथमिक उपचार दिया जाएगा। 

5. इस कानून के तहत राजद्रोह की जगह देशद्रोह का जिक्र है। इसके तहत तलाशी की कार्रवाई की वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी गई है। 

6. इस कानूनों के तहत मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर फैसला। दुष्कर्म पीड़िताओं के बयान महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक व रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी। वहीं सात दिन के भीतर मेडिकल रिपोर्ट भी देनी होगी।

7. पहले नाबालिग से दुष्कर्म, भीड़ द्वारा पीटकर हत्या करने, शादी का झूठा वादा करने जैसी घटनाओं से निपटने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं थे। अब इसके लिए भी प्रावधान है।

7. जीरो एफआईआर से व्यक्ति किसी भी थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकता है फिर चाहे अपराध व्यक्ति के अधिकार क्षेत्र में न हुआ हो। 

8. नये कानून के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को अपनी पहचान के व्यक्ति को घटना के बारे सूचना देने का अधिकार है। 

9. नये कानून के तहत राज्य सरकारों के लिए गवाह सुरक्षा योजना लागू करना अनिवार्य है। इससे गवाहों की सुरक्षा एवं सहयोग सुनिश्चित होगी। 

10. इस कानून के तहत लैंगिकता की परिभाषा में ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं, जो समानता को बढ़ावा देगा।

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