भाजपा का बिहार विधानसभा मार्च, पार्टी नेता की मौत

डीएन ब्यूरो

बिहार में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के एक नेता की बृहस्पतिवार को नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ ‘‘विधानसभा मार्च’’ में हिस्सा लेने के दौरान मौत हो, गई जिसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया कि ‘‘बर्बरतापूर्ण’’ लाठीचार्ज उनकी मौत हुयी है।

पार्टी नेता की मौत (फाइल)
पार्टी नेता की मौत (फाइल)


पटना: बिहार में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के एक नेता की बृहस्पतिवार को नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ ‘‘विधानसभा मार्च’’ में हिस्सा लेने के दौरान मौत हो, गई जिसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया कि ‘‘बर्बरतापूर्ण’’ लाठीचार्ज उनकी मौत हुयी है।

बिहार सरकार के जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी की ओर से आयोजित विधानसभा मार्च का कार्यक्रम में शामिल प्रदर्शनकारी गांधी मैदान से बड़ी संख्या में आगे बढ़ रहे थे। उन्हें जेपी गोलम्बर के पास प्रशासन द्वारा रोकने का प्रयास किया गया लेकिन वे लोग नहीं माने और आगे बढ़ते गए।

इसमें कहा गया है कि डाकबंगला चौराहा पर प्रशासन द्वारा नाकेबंदी कर रोकने का प्रयास किया गया पर प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेड तोड़ दिया गया। प्रदर्शन कर रहे व्यक्तियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा पानी का बौछार एवं आँसू गैस के गोले छोड़े गए पर प्रदर्शनकारी नहीं मान रहे थे और वे ज़बरदस्ती बैरिकेड तोड़ कर आगे बढ़ने लगे थे।

बयान के अनुसार प्रदर्शनकारियों से आगे नहीं जाने का बार बार आग्रह किया जा रहा था क्योंकि डाकबंगला चौराहा से आगे प्रतिबंधित क्षेत्र है जहाँ विभिन्न राजनैतिक दलों के कार्यालय, उच्च न्यायालय, राजभवन, विधानसभा इत्यादि अवस्थित है।

इसमें कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों को प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग कर उन्हें तितर-बितर किया गया। इस बीच सूचना मिली कि जहानाबाद के एक व्यक्ति की पटना मेडिकल कालेज अस्पताल (पीएमसीएच) में मृत्यु हो गई है।

इसके अनुसार, उनके साथी भरत प्रसाद चन्द्रवंशी जो जहानाबाद के निजामुदीपुर के रहने वाले हैं, द्वारा बताया गया कि वे लोग कार्यक्रम स्थल पहुंचे भी नहीं थे कि पता चला वहां भगदड़ हो गई है और बहुत लोग उधर से वापस भाग रहे थे, इसी बीच विजय सिंह बेहोश हो कर गिर गए। इसमें कहा गया है कि उन्हें तुरंत पीएमसीएच ले जाया गया जहां थोड़ी देर बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बयान में कहा गया है कि विजय सिंह के शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं पाया गया है । दण्डाधिकारी के समक्ष मृतक विजय सिंह का अंत्यपरीक्षण किया गया। पटना जिलाधिकारी द्वारा मेडिकल बोर्ड गठित कर मृतक का पोस्टमार्टम कराने और संपूर्ण पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने का निदेश दिया गया है। इसके बाद ही मृत्यु का वास्तविक कारण की जानकारी मिल सकती है। सीसीटीवी फ़ुटेज से भी पूरे मामले की जांच की जा रही है।

पटना के ज़िलाधिकारी ने पूरे घटनाक्रम पर अपर ज़िला दंडाधिकारी विधि-व्यवस्था और नगर पुलिस अधीक्षक (मध्य) से 24 घंटे के अंदर संयुक्त जाँच प्रतिवेदन की मांग की है।

पीएमसीएच के अधीक्षक डाक्टर आई एस ठाकुर ने कहा कि सिंह को अचेत अवस्था में उनके अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था । उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया पर इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड दिया ।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पार्टी के जहानाबाद जिले के महासचिव विजय सिंह की मृत्यु एक आहुति है।’’

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उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इसके अलावा राज्य के छात्रों एवं युवाओं को अपनी आवाज देते हुए हजारों भाजपा कार्यकर्ता घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों में कई महिलाएं, संसद और राज्य विधानमंडल के सदस्य शामिल हैं।’’

उजियारपुर लोकसभा सीट से संसद सदस्य राय ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भाजपा कार्यकर्ता की मौत की जिम्मेदार बर्बर नीतीश-तेजस्वी सरकार। युवाओं, महिलाओं, किसानों के अधिकारों के लिए बिहार की बर्बर नीतीश-तेजस्वी सरकार के खिलाफ संघर्ष करते हुए भाजपा के जहानाबाद के महामंत्री विजय सिंह ने अपनी आहुति दे दी।’’

इससे पहले पटना जिला प्रशासन ने कहा, ‘‘जहानाबाद के रहने वाले एक व्यक्ति विजय सिंह छज्जू बाग में सड़क किनारे अचेत अवस्था में पाए गए थे। शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं है। उन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। विस्तृत विवरण प्राप्त किया जा रहा है।

पटना मेडिकल कालेज एवं अस्पताला (पीएमसीएच) के अधीक्षक ने भी कहा कि सिंह के शरीर पर बाहरी चोट के कोई निशान नहीं थे।

राज्य सरकार की शिक्षक भर्ती नीति के खिलाफ आंदोलन के समर्थन में आयोजित ‘‘विधानसभा मार्च’’ ऐतिहासिक गांधी मैदान से शुरू हुआ जिसे विधानसभा परिसर से कुछ किलोमीटर दूर रोक दिया गया था ।

महाराजगंज से लोकसभा सदस्य जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने पत्रकारों को अपने सिर पर जख्म के निशान दिखाये और स्थानीय भाषा में कहा, ‘‘ कपार फोड़ दिया।’’ (मेरे सिर पर चोट लगी है और रक्तस्राव हो रहा है।)

हालांकि सत्तारूढ़ राजद ने एक बयान जारी कर भाजपा नेताओं का ‘‘फोटो खिंचवाने पर ध्यान केंद्रित करने’’ के लिए मज़ाक उड़ाया और आरोप लगाया कि उनमें से कई ने पुलिसकर्मियों पर ‘‘मिर्च पाउडर और कंकड़’’ फेंके थे।

राजद नेता एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भाजपा द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, जो उन पर 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए 10 लाख नौकरियों के वादे से पीछे हटने का आरोप लगा रही है।

इसके अलावा भगवा पार्टी नौकरियों के लिए भूमि घोटाले में ताजा सीबीआई आरोप पत्र के बाद युवा राजद नेता के इस्तीफे की भी मांग कर रही है।

विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने जुलूस के दौरान की गयी कथित पुलिस बर्बरता के विरोध में दोपहर के भोजन के बाद विधानसभा परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए।

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उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मैं पुलिस से विनती करता रहा कि मुझे अनुपूरक बजट पर बहस में भाग लेने की अनुमति दी जाए। लेकिन मुझे बहुत देर से छोड़ा गया। यह सरकार अब लाठी-गोली का सहारा ले रही है।’’

अध्यक्ष पर ‘‘सरकार के एक उपकरण के रूप में कार्य करने’’ का आरोप लगाने वाले सिन्हा ने यह भी घोषणा की कि वह अब राज्यपाल को स्थिति से अवगत कराने के लिए शुक्रवार को वह ‘‘राजभवन मार्च’’ का नेतृत्व करेंगे।

विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके सिन्हा ने कहा, ‘‘राज्यपाल विधायिका के संरक्षक है। हमें अब उनके संरक्षण की जरूरत है। राज्य में सरकार अब हमारी आवाज को बलपूर्वक कुचलने की कोशिश कर रही है जिसे हम लोगों के समर्थन में उठाने के लिए बाध्य हैं।’’

इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘बिहार पुलिस द्वारा पटना, जहानाबाद जिले में गिरफ्तार किए गए जी एस विजय कुमार सिंह की पुलिस द्वारा क्रूरतापूर्वक किए गए लाठीचार्ज में मौत हो गई।’’

पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने ट्वीट कर दावा किया कि पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज राज्य सरकार की विफलता और आक्रोश का नतीजा है ।

उन्होंने कहा, ‘‘बिहार की महागठबंधन सरकार भ्रष्टाचार के अपने गढ़ को बचाने के लिये लोकतंत्र पर हमला कर रही है । एक ऐसे व्यक्ति को बचाने के लिये बिहार के मुख्यमंत्री अपनी नैतिकता को भी भूल गये हैं जिसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल है।

नड्डा बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना, राजद नेता का हवाला दे रहे थे जिनके खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने भूमि घोटाले में आरोप पत्र दायर किया है।

लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के पूर्व प्रमुख चिराग पासवान ने भी ‘‘बिहारियों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले एक निहत्थे भाजपा कार्यकर्ता की मौत’’ की निंदा करते हुए अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ‘‘सत्ता के नशे में’’ होने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने आश्चर्य जताया कि क्या बिहार में इस समय ‘‘अघोषित आपातकाल’’ है ।

 










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