बिजनौरः आईएएस अफसर पर लगा जातिसूचक शब्दों से उत्पीड़न करने का आरोप
चांदपुर एसडीएम पर उनके कार्यालय में ही तैनात एक कर्मचारी ने जातिसूचक शब्दों के साथ उत्पीड़न और अपमानित करने का आरोप लगाया है। कर्मी का कहना है कि आईएएस ने उनसे कार्यालय में यह सब कहा। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
बिजनौरः देश के अलग-अलग राज्यों में जहां एससी/एसटी एक्ट को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं अब इसी बीच एक आईएएस पर दलित उत्पीड़न के आरोप लगने से मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ताजा मामले में आईएएस आलोक यादव जो चांदपुर में एसडीएम का कार्यभार देख रहे हैं, उन पर उनके ही कार्यालय में तैनात एक आशु लिपिक ने उत्पीड़न व जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप लगाया है।
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पीड़ित ने मामले की शिकायत अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग व एसपी से की है। बता दें कि बिजनौर के मोहल्ला कस्साबान निवासी किशन चंद एसडीएम चांदपुर कार्यालय में आशु लिपिक पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि वह अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं। किशन का कहना है कि कार्यालय में उन्हें एसडीएम कई दिनों से अपमानित करते हुए आए है।
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किशन के मुताबिक सात सितंबर की शाम को सवा पांच बजे सेवानिवृत उप निरीक्षक रामनाथ सिंह निवासी छज्जूपुरा को उन्होंने एसडीएम के चैंबर में बैठे होने की बात बताई। इस पर एसडीएम ने उन्हें अपने कमरे में बुलाकर जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया और कहा कि उस व्यक्ति को उनसे मिलने के लिए किसलिए भेजा।
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कर्मचारी का कहना है कि उन्होंने मामले की शिकायत चांदपुर के प्रभारी निरीक्षक दुर्गेश मिश्र से भी की लेकिन उन्होंने मामला दर्ज करने से साफ मना कर दिया।
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क्या कहते हैं एसडीएम चांदपुर
वहीं मामले में एसडीएम चांदपुर आलोक यादव सफाई देते हुए कह रहे हैं कि उन्होंने किसी को भी जातिसूचक शब्दों से अपमानित नहीं किया। हो सकता है कि गलतफहमी में कोई बात हो गई होगी। एसडीएम का कहना है कि चांदपुर में उनकी कुछ दिनों पहले ही तैनाती हुई है वह तो ठीक ढंग से आशु लिपिक समेत दूसरे कर्मियों को जानते तक नहीं है। वहीं उन्होंने अपने खिलाफ शिकायत होने को लेकर कहा कि अभी उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता है।