Bihar Flood: बिहार में जल प्रलय से 10 जिले जलमग्न, 5 लाख लोगों का जीवन में संकट में, नदियों में ऊफान

डीएन ब्यूरो

बिहार में आये जल प्रलय के कारण लाखों लोगों का जीवन खतरे में हैं। राज्य की कई नदियों का ऊफान लगातार बढता जा रहा है, जिससे संकट की स्थिति भी और भयावह होती जा रही है। पूरी खबर..

बाढ़ से जहां-तहां फंसे लोग (फाइल फोटो)
बाढ़ से जहां-तहां फंसे लोग (फाइल फोटो)


पटना/नई दिल्ली: बिहार में इस समय चारों ओर ऊफनती नदियों, भयभीत चेहरों और मदद के लिये उठती नजरों के अलावा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है। राज्य के 10 जिलों की स्थिति बाढ के कारण भयावह हो चुकी है, जिस कारण कम से पांच लाख लोगों का जीवन संकट में है। जल प्रलय जैसी प्राकृतिक आपदा के बीच खान-पान और उदरपूर्ति का संकट कई लोगों के जीवन को और भी नीरस बनाता जा रहा है। 

हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग समेत राज्य और केंद्र सरकार की तमाम एजेंसियों द्वारा राहत और बचाव के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन बाढ का कहर इतना व्यापक और विस्तारित हो चुका है कि ये सभी प्रयास अब काफी कम और हल्के नर आ रहे हैं।

राज्य में बाढ की स्थिति से जूझते कई लोग और गांव ऐसे भी हैं, जहां तक अभी सरकारी मददगारों की नजर तक नहीं पहुंच सकी है। दूर-दराज के इन क्षेत्रों के लोग जीवन से लगातार जूझते जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में बारिश के बाद नदियों का बढता ऊफान संकट में फंसे लोगों को लिये बड़ा अभिशाप बनता जा रहा है।

उफनती नदियों और बाढ़ के पानी ने बड़ी मात्रा आम आदमी के अलावा फसलों और मवेशियों को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया है। बाढ के बढते कहर के साथ ही लाखों लोगों का जीवन बेहाल होता जा रहा है। कई क्षेत्रों की स्थिति बेहद नाजुक हो चली है।

बाढ के बढते कहर और पानी के उठते जलस्तर के साथ जूरूरी सुविधाओं का संकट भी गहराता जा रहा है। कई संपर्क मार्ग, सड़के और पुलों के टूटने की घटनाएं बढती जा रही है। जिस कारण बाढ में फंसे लोगों को वहां से निकलने के साधन भी खत्म होते जा रहे हैं।

गोपालगंज में एक और पुल बह जाने से लोगों से सामने नया संकट खड़ा हो गया है। गंडक नदी अब अपने पूरे ऊफान पर है और उस पर बना बांध गोपालगंज और चंपारण दोनों तरफ टूट गया है। यह पुल गोपालगंज के बरौली प्रखंड और मांझा प्रखंड में टूटा है। जबकि पूर्वी चंपारण साइड में संग्रामपुर में तटबंध टूट गया है। जिस कारण गोपालगंज छपरा तथा पूर्वी चंपारण के सैकड़ो गांव प्रभावित हैं।

इसी तरह सारण तटबंध टूटने और कुछ नदियों का जलस्तर बढने से नए इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। राज्य के कुछ इलाके अब बाढ के कहर के अछूते थे लेकिन अब वहां भी लगातार संकट बढता जा रहा है। 
 










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