अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार के बड़े ऐलान: कंपनी कर दर घटाए
देश की अर्थव्यवस्था की सुस्त पड़ी रफ्तार को गति पकड़ने के प्रयासों के तहत सरकार ने शुक्रवार को कई बड़े ऐलान किए।
नई दिल्ली: देश की अर्थव्यवस्था की सुस्त पड़ी रफ्तार को गति पकड़ने के प्रयासों के तहत सरकार ने शुक्रवार को कई बड़े ऐलान किए। घरेलू कंपनियों और नई घरेलू विनिर्माण कंपिनयों के लिए कंपनी करों में बड़ी कटौती की घोषणा की गई है। घरेलू कंपनियों के लिए कंपनी की दर बिना रियायत के 22 प्रतिशत की गई है।वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की शुक्रवार को होने वाली बैठक से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने संवाददाता सम्मेलन में यह ऐलान किए। इन ऐलानों के बाद शेयर बाजारों में दिवाली से करीब सवा महीने पहले ही रौनक आ गई और बाम्बे शेयर बाजार का सेंसेक्स और नेशनल स्टाक एक्सचेंज के निफ्टी झूम उठे।
Finance Minister Nirmala Sitharaman: Relief to listed companies which have already made a public announcement of buy-back before 5th July 2019. There will be no tax on buy-back of shares in case of such companies pic.twitter.com/DHAxllgqmj
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— ANI (@ANI) September 20, 2019
अर्थव्यवस्था की रफ्तार और निवेश बढ़ाने के लिए आयकर कानून में चालू वित्त वर्ष से बदलाव किया जायेगा। घरेलू कंपनियां यदि किसी प्रकार की रियायत नहीं लेती हैं तो उनको 22 प्रतिशत आयकर देना होगा। उपकर और प्रभार मिलाकर यह 25.17 प्रतिशत हो जायेगा। पहले यह दर 30 प्रतिशत थी।
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सीतारमन ने बताया कि सरकार के इस फैसले से एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का भार पड़ेगा। उन्होंने बताया कि ‘मेक इन इंडिया’ को तेज गति देने के लिए आयकर विभाग में एक नया प्रावधान किया गया है। चालू वित्त वर्ष में एक अक्टूबर के बाद से अस्तित्व में आई घरेलू कंपनी जो विनिर्माण में निवेश करेगी उसे केवल 15 प्रतिशत की दर से आयकर का विकल्प होगा। इस अर्थ यह हुआ कि इस वर्ष एक अक्टूबर या उसके बाद देश में गठित किसी भी कंपनी पर 15 प्रतिशत ही कर लगेगा। यदि यह कंपनी 31 मार्च 2023 से पहले उत्पादन शुर कर देती है तो 15 प्रतिशत कर लगेगा और सभी प्रकार के प्रभार और उपकर समेत कर 17.10 प्रतिशत होगा। (वार्ता)