Uttar Pradesh: किसानों के समर्थन में सपा कार्यकर्ताओं का विशाल धरना प्रदर्शन, कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की

डीएन ब्यूरो

केन्द्र सरकार की तरफ से लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ समाजवादी पार्टी लगतार अपना विरोध जता रही है। इसी कड़ी में यूपी के बस्ती में किसानों के समर्थन में सपा कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया। साथ ही सरकार से तीनों कृषि विरोधी कानूनों को वापस लिये जाने मांग की। डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट में पढ़ें पूरी खबर।



बस्ती: देशभर में कृषि कानून का विरोध कर रहें किसानों के समर्थन में सोमवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया। यह प्रोटेस्ट शास्त्री चौक पर प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर सपा जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव की अध्यक्षता में किया गया। 

इस दौरान सपा के कार्यकर्ताओं ने तीनों कृषि विरोधी कानूनों को वापस लिये जाने की मांग की। इसके साथ ही धरने के बाद राष्ट्रपति को सम्बोधित 11 सूत्रीय ज्ञापन उप जिलाधिकारी सदर को सौंपा।

इस दौरान डाइनामाइट न्यूज़ से बात करते हुए सपा जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव ने कहा कि किसानों की एकजुटता रंग लायेगी और सरकार को किसानों की मांग मानना ही होगा। केन्द्र की मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अडानी और अंबानी जैसे बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिये किसान हितों का गला घोट रही है, इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

वहीं धरने को सम्बोधित करते हुये पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी ने कहा कि पिछले 19 दिनों से दिल्ली बार्डर पर भारी तादाद में किसान तीन कृषि काले कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर आन्दोलित है। 11 किसान अपनी जान गंवा चुके है लेकिन केन्द्र की सरकार हठवादी रवैया अपनाये हुये है, यह स्थितियां लोकतंत्र में शुभ नहीं है।

इस धरने को सपा जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव, पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय, जितेन्द्र कुमार उर्फ नन्दू चौधरी, दूधराम, राजेन्द्र चौधरी, रामललित चौधरी, चन्द्रभूषण मिश्र, राजाराम यादव,  राजकपूर यादव, राजेन्द्र चौरसिया, कक्कू शुक्ल, निसार अहमद, जावेद पिण्डारी, सिद्धेश सिन्हा, वृजेश मिश्र, महेश तिवारी, सुमन सिंह, विजय विक्रम आर्य, यज्ञेश पाण्डेय, समीर चौधरी, कविन्द्र चौधरी अतुल, गुलाब सोनकर, राजेन्द्र चौधरी, रन बहादुर यादव, अरविन्द यादव आदि ने सम्बोधित किया। अपने संबोधन में कहा कि सरकार किसानों की मांगों को तत्काल प्रभाव से स्वीकार करे।

वहीं अगर राष्ट्रपति को भेजे 11 सूत्रीय ज्ञापन की बात करें तो इसमें किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने, सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद किये जाने, गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कराये जाने, दिल्ली में संघर्षरत किसानों की मांगों को माने जाने, 7 दिसम्बर 2020 से किसानों के समर्थन में सपा नेताओं पर दर्ज मुकदमों को वापस लिये जाने समेत कई अन्य मांग भी शामिल है।










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