बलरामपुर: जिले में राप्ती नदी का कहर जारी, अलर्ट मोड पर जिला प्रशासन
यूपी के बलरामपुर में राप्ती नदी में बाढ़ आ गयी है। राप्ती नदी के बाढ़ की विभीषिका में सैकड़ों हेक्टेयर फसल जलमग्न हो गई है। ज्यादा जानकारी के लिये पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट
बलरामपुर: जिले में राप्ती नदी में बाढ़ आने से किसान बहुत परेशान हैं। कुछ दिन पहले जहां जिले के किसान भीषण गर्मी और सूखती फसल देख रो रहे थे वहीं किसान आज भीषण बाढ़ के कारण अपनी फसलों को तबाह होते देख रो रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक राप्ती नदी में बाढ़ आने से खेत व क्षेत्र सब जगह पानी भर गया है। बाढ़ की त्रासदी में किसान सिर्फ अपने फसल का नुकसान होते देखने को बेबस हैं। पड़ोसी देश नेपाल में लगातार मूसलाधार बारिश होने के कारण पहाड़ी नाले उफान पर हैं। लगातार नेपाल से आने वाले पानी से राप्ती नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। अभी पिछले वर्ष आई बाढ़ की त्रासदी को लोग भूले भी नहीं थे कि एक बार फिर नदी किनारे बसे लोगों की नींद उड़ गई है।
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बता दें कि राप्ती नदी में आने वाली बाढ़ से जिले के लगभग 350 गांव प्रभावित होते हैं। बाढ़ के कारण तराई क्षेत्र के कई इलाकों का जिला मुख्यालय से सम्पर्क टूट गया है। अधिकांश गांव टापू बन गए हैं। राप्ती नदी खतरे के निशान से 63 सेमी ऊपर बह रही है।
जिला मुख्यालय से रंजीतपुर, डिहवा, मन्नीपुर टिकुइया, महम्मदपुर, दुल्हापुर सहित दर्जनों गांव का सम्पर्क मार्ग पर कई फिट पानी भरने से बाधित हो गया है। ग्रामीण जान जोखिम मे डालकर या तो रेलवे ट्रैक से या फिर पानी की धार में आने को मजबूर है। वहीं तराई क्षेत्र के हरिहरगंज-लालिया मार्ग पर लौकहवा डिप व झिन्ने नाला डिप पर भी दो से तीन फीट पानी बहने से मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया है।
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जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि लगातार बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया जा रहा है। सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अलर्ट मोड पर हैं। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। पुलिस, पीएससी और एसडीआरएफ की टीम लगाई गई है। उन्होने कहा कि बाढ़ खत्म होते ही स्थाई समाधान के लिए प्रस्तावित सेतु के निर्माण को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे भविष्य मे लोगों को बाढ़ की त्रासदी से राहत मिल सके।