DN Exclusive: बलिया में वेद व्यास की तपस्थली हुई बदहाल, प्राचीन मंदिर का अस्तित्व जानिये क्यों पड़ा खतरे में

डीएन ब्यूरो

बलिया जनपद में सागरपाली चट्टी से एनएच 31 के किनारे बने प्राचीन मंदिर ठाकुर बाड़ी और वेद व्यास मुनि का मंदिर इन दिनों बदहाली का शिकार हो गया हैं।। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



बलिया: सागरपाली चट्टी से एनएच 31 के किनारे बने प्राचीन मंदिर ठाकुर बाड़ी और वेद व्यास मुनि का मंदिर इन दिनों बदहाली का शिकार हो गया हैं। इस मंदिर में वर्षो से पूजा अर्चना होती रही है लेकिन साफ-सफाई के अभाव में यहां गंदगी का अंबार लग गया है। पूरे गांव की नाली का गंदा पानी पूरे मंदिर परिसर में जमा हुआ है, जिसके कारण लोग मंदिर में पूजा-अर्चना के लिये जाने से कतरा रहे हैं। 

डाइनामाइट न्यूज को सागरपाली में के लोगों ने बताया कि वर्षों पहले वेद व्यास मुनि ने यहां के गंगा तट पर तपस्या की थी। जिसका नाम व्यास स्थान के नाम से जाना जाता था। बाद में बासथाना के नाम से जाना जाने लगा, जो गंगा मे विलीन हो गया। मंदिर में हनुमान की प्रतिमा और श्रीराम जानकी की भी प्रतिमा मौजूद है।

मान्यता के अनुसार व्यास स्थान से ही गंगा पार कर ताड़का वध के लिए पुरूषोत्तम श्री राम और लक्ष्मण जी को विश्वामित्र जी ले गए थे।

सागरपाली में स्थित इस मंदिर में वर्षो से पूजा अर्चना करते है। लेकिन मंदिर की साफ सफाई नही होती है, वेद व्यास मंदिर की हालत आज बद से बत्तर हो गई है। पूरे गांव की नाली का गंदा पानी पूरे मंदिर परिसर में जमा हुआ है, गंदे पानी की निकासी के लिए कोई व्यवस्था तक नही की जा रही है। इसी गंदे पानी से होकर महिलाएं पूजा पाठ करती है। 

यहां के जन प्रतिनिधि बस फोटो खिंचवाने का काम करते है और फोटो खिंचवाने के बाद अपनी वाह-वाही बटोरने में लगे रहते है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस गांव में बकायदा सफाई कर्मी भी नियुक्त है, लेकिन सफाई कर्मियों के द्वारा भी मंदिर की साफ सफाई नही होती है। ऐसे में सवाल उठता है की मंदिर के नाम पर राजनीति करने वाले भी मंदिरों की हालत देख कर भी मौन है।

ग्रामीणों का कहना है कि यह वेद व्यास जी का मंदिर है। यह काफी पुराना मंदिर है, लेकिन किसी को कोई चिंता नहीं कि मंदिर की सफाई होनी चाहिए। गंदे पानी से होकर जाते है, और साफ पानी से हाथ पैर धो लेते है।










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