Assam Congress chief Bhupen Kumar Bora: असम कांग्रेस प्रमुख ने ‘सड़कों पर चलने के लिए कई परमिट’ की जरूरत पर सवाल उठाए
असम कांग्रेस प्रमुख भूपेन कुमार बोरा ने शुक्रवार को उन नियमों को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठाया जो 'सड़कों पर चलने के लिए कई प्रकार के परमिट' लेने को आवश्यक बनाते हैं। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक भावनाओं के खिलाफ बताया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
माजुली (असम): असम कांग्रेस प्रमुख भूपेन कुमार बोरा ने शुक्रवार को उन नियमों को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठाया जो 'सड़कों पर चलने के लिए कई प्रकार के परमिट' लेने को आवश्यक बनाते हैं। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक भावनाओं के खिलाफ बताया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का असम चरण फिलहाल जारी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक बोरा ने कहा कि यात्रा के मुख्य आयोजक के.बी. बायजू इसका मार्ग तय करने की योजना बनाने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। बायजू के खिलाफ बृहस्पतिवार को जोरहाट शहर में अनुमत मार्ग से कथित तौर पर हटने के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
यात्रा के राज्य में दूसरे दिन द्वीपीय जिले माजुली से गुजरने के दौरान बोरा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “के.बी. बायजू का यात्रा मार्ग से कोई लेना-देना नहीं है। हमने रूट तय किया और अनुमति के लिए पुलिस पोर्टल पर आवेदन किया।”
बोरा ने मार्च के लिए कई परमिट हासिल करने के पीछे के औचित्य पर भी सवाल उठाया।
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उन्होंने कहा, “सड़कों पर चलने के लिए कितनी तरह की अनुमति की आवश्यकता है? यह एक लोकतंत्र है और सभी को समान अधिकार हैं। कोई भी सड़कों का इस्तेमाल अपनी निजी संपत्ति के रूप में नहीं कर सकता।”
उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि यात्रा के लिए पार्टी को कितनी अनुमति लेनी होंगी। बसों सहित विभिन्न प्रकार के वाहन इसका हिस्सा हैं।
‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ और बायजू के खिलाफ कथित तौर पर अपने निर्धारित मार्ग से हटने के लिए दर्ज की गई प्राथमिकी के बारे में एक अधिकारी ने कहा कि मार्च ने अनुमति के अनुसार के.बी. रोड की ओर जाने के बजाय शहर में दूसरी तरफ का रुख कर लिया और इससे क्षेत्र में “अराजक स्थिति” पैदा हो गई।
उन्होंने कहा, “लोगों की अचानक उमड़ी भीड़ के कारण कुछ लोग गिर गए और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। यात्रा और उसके मुख्य आयोजक के खिलाफ जोरहाट सदर पुलिस स्टेशन में स्वत: संज्ञान लेते हुए एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।”
यात्रा का हिस्सा रहे विपक्ष के नेता देवब्रत सैकिया ने आरोप लगाया था कि प्राथमिकी यात्रा से पहले अनावश्यक बाधाएं पैदा करने की एक चाल थी।
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उन्होंने कहा, “पीडब्ल्यूडी स्थल पर मार्ग परिवर्तन के लिए कोई पुलिस तैनात नहीं थी। निर्धारित मार्ग बहुत छोटा था और हमारी सभा बहुत बड़ी थी। इसलिए, हमने बस कुछ मीटर का चक्कर लगाया। (मुख्यमंत्री) हिमंत विश्व शर्मा पहले ही दिन (असम में) यात्रा की सफलता से डरे हुए हैं और अब इसे पटरी से उतारना चाहते हैं।”
यात्रा का असम चरण 25 जनवरी तक जारी रहेगा। यह 17 जिलों में 833 किमी की दूरी करेगी।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू हुई और 20 या 21 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी।