हिंद महासागर में बढ़ी समुद्री लुटेरों की गतिविधियां, हर खतरे का सामना करने के लिए हम तैयार: नौसेना प्रमुख
नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मबीर सिंह ने आज बताया कि नौसेना ने हाल ही में भारत के जलक्षेत्र में आये चीन के एक नौसैनिक पोत को खदेड़ा था और चीन को साफ शब्दों में बता दिया गया है कि उसके नौसैनिक पोत बिना अनुमति के भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र में नहीं आ सकते।
नई दिल्ली: नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मबीर सिंह ने आज बताया कि नौसेना ने हाल ही में भारत के जलक्षेत्र में आये चीन के एक नौसैनिक पोत को खदेड़ा था और चीन को साफ शब्दों में बता दिया गया है कि उसके नौसैनिक पोत बिना अनुमति के भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र में नहीं आ सकते। एडमिरल कर्मबीर सिंह ने नौसेना दिवस से एक दिन पहले मंगलवार को यहां वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में नौसेना के निरंतर कम होते बजट पर चिंता तो व्यक्त की लेकिन साथ ही कहा कि वह सीमित संसाधनों में संतुलन बनाने की पूरी कोशिश कर रही है जिससे कि नौसेना की क्षमता तथा देश के हितों के साथ कोई समझौता नहीं हो।
Navy Chief Admiral Karambir Singh on Light Combat Aircraft (LCA) for Navy: Navy was the first to support LCA... Defence Research & Development Organisation (DRDO) now wants to give us twin engine deck based aircraft and if it meets our timelines and requirements, we will take it. https://t.co/MYAog5px0I
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— ANI (@ANI) December 3, 2019
नौसेना की विमानवाहक पोत की जरूरत के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा नौसेना प्रमुख के नाते उनका मानना है कि भारत को तीन विमानवाहक पोतों की जरूरत है जिससे कि दो विमानवाहक पोत हर समय अभियानों तथा तैनाती के लिए तैयार रहें। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नौसेना हिन्द महासागर तथा दक्षिण चीन सागर में चीन तथा पाकिस्तान की नौसेनाओं की गतिविधियों पर पूरी तरह नजर रखे हुए है और वह हर तरह की स्थिति का सामना करने के लिए हमेशा तैयार है। चीन नौसैनिक पोत की भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र में मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उस पोत को खदेड़ दिया गया था और हमारा स्पष्ट रूख है कि भारत से पूछे बिना उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र में किसी को आने की अनुमति नहीं होगी।
Navy Chief Admiral Karambir Singh at Navy Day press conference in Delhi: We should have the first indigenous aircraft carrier IAC-1 fully operational by the year 2022 and it will operate with the MiG-29K. https://t.co/7tUQ87n3v9
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— ANI (@ANI) December 3, 2019
उन्होंने कहा कि हिन्द महासागर में चीन के 7 से 8 नौसैनिक पोत मौजूद रहते हैं जिनका उद्देश्य अलग अलग होता है। इनमें से कुछ समुद्री डकैतों के खिलाफ अभियान में तैनात रहते हैं तो कुछ जल संबंधी अध्यन और अन्य समुद्री सर्वेक्षण के लिए रहते हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीनी नौसेना की गतिविधियां बदस्तूर जारी हैं लेकिन भारत उसकी गतिविधियों पर निरंतर नजर बनाये रहता है। (वार्ता)