Hariyali Amavasya: जानिये सावन माह में हरियाली अमावस्या का महत्व और पूजा का विधि-विधान

डीएन ब्यूरो

अमावस्या हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। उदया तिथि के हिसाब से अस बार हरियाली अमावस्या रविवार, 04 अगस्त को मनाई जाएगी। डाइनामाइट न्यूज की अस रिपोर्ट में पढ़ें हरियाली अमावस्या का महत्व और पूजा के विधि-विधान

हरियाली अमावस्या 4 अगस्त को
हरियाली अमावस्या 4 अगस्त को


नई दिल्ली: अमावस्या हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। अमावस्या पूर्वजों और पूर्वजों की पूजा के लिए समर्पित है। सावन माह में हरियाली अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है।

उदया तिथि के हिसाब से अस बार हरियाली अमावस्या रविवार, 04 अगस्त को मनाई जाएगी।

श्रावण की अमावस्या तिथि 03 अगस्त, 2024 को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर शुरू हो रही है, जो 04 अगस्त, 2024 को दोपहर 04 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। 

हरियाली अमावस्या पर पितृ तर्पण, दान के साथ ही पेड़-पौधे लगाने से मनोकामना पूरी होगी। 

इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। 

इस दिन स्नान और दान करने से पितृ दोष, कालसर्प दोष और शनि दोष से जातक को मुक्ति मिलती है। इस मौके पर घर और मंदिर में पौधे लगाना शुभ माना जाता है।

इस तिथि पर भोजन, कपड़े, तिल, गुड़, घी, आदि चीजों का दान करना चाहिए।

हरियाली अमावस्या की पूजा और विधि-विधान

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद गंगाजल से पूरे घर को पवित्र करें। इसके बाद एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद शिवलिंग का अभिषेख कर बेल पत्र छड़ाएं और भगवान शिव की पूजा करें। 
 










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