आखिर क्यों ओडिशा में चालक महासंघ ने खारिज किया सरकार का आश्वासन, पढ़ें वजह
ओडिशा में आंदोलन कर रहे वाहन चालकों ने तीन महीने के भीतर अपनी 10 सूत्री मांगों को पूरा करने के सरकार के लिखित आश्वासन को खारिज कर अपना आंदोलन जारी रखने की घोषणा की है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
भुवनेश्वर: ओडिशा में आंदोलन कर रहे वाहन चालकों ने तीन महीने के भीतर अपनी 10 सूत्री मांगों को पूरा करने के सरकार के लिखित आश्वासन को खारिज कर अपना आंदोलन जारी रखने की घोषणा की है।
वाहन चालकों की यह राज्यव्यापी हड़ताल शुक्रवार को तीसरे दिन में प्रवेश कर गयी।
चालक एकता महासंघ ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक स्वयं इस बात की घोषणा करें कि पेंशन, बीमा और अन्य सुविधाओं की उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा तो वह आंदोलन वापस ले सकता है।
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चालक एकता महासंघ के अध्यक्ष प्रशांत मेंडुली ने कहा, ‘‘ हमारा संघ मुख्य सचिव के लिखित आश्वासन से खुश नहीं है। जब तक सरकार इस संबंध में कोई घोषणा नहीं करती हमारा आंदोलन जारी रहेगा।’’
मेंडुली ने अपने वीडियो संदेश में चालक बिरादरी से अपनी मांगों को मनवाने के लिए आगे आने का आह्वान किया है।
राज्य के वाणिज्य और परिवहन विभाग की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि इस बीच सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही की निगरानी के लिए मुख्य सचिव पी के जेना की अध्यक्षता में एक कार्यबल का गठन किया है। गौरतलब है कि चालकों के आंदोलन से आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही प्रभावित हुई है।
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कार्यबल का गठन बृहस्पतिवार की रात को किया गया और जेना ने महासंघ को 16 मार्च से तीन महीने के भीतर उनके मुद्दों को हल करने का लिखित आश्वासन दिया है। उन्होंने महासंघ से हड़ताल वापस लेने की भी अपील की है।
इस बीच, आंदोलनकारी चालकों ने राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अन्य सड़कों को खाली कर दिया जिसके बाद विभिन्न बस स्टैंड और टर्मिनल पर गतिविधियां सामान्य हो रही हैं। इसके अलावा यात्रियों के साथ बसें शुक्रवार को यहां बरमुंडा बस टर्मिनल से बालासोर, बारीपदा, बेरहामपुर और अन्य स्थानों के लिए रवाना हो गईं।