यूपी के प्रतापगढ़ में इंस्पेक्टर समेत 12 से अधिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज, जानिये पूरा मामला
प्रतापगढ़ जिले की कंधई थाने की पुलिस ने दो वर्ष पूर्व हुए पंचायत चुनाव के दौरान एक महिला के घर में घुसकर मारपीट, लूटपाट व अभद्रता करने के मामले में एक पुलिस निरीक्षक सहित 12 से अधिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ जिले की कंधई थाने की पुलिस ने दो वर्ष पूर्व हुए पंचायत चुनाव के दौरान एक महिला के घर में घुसकर मारपीट, लूटपाट व अभद्रता करने के मामले में एक पुलिस निरीक्षक सहित 12 से अधिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
कंधई थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) धीरेन्द्र ठाकुर ने शनिवार को बताया कि पुलिस ने मानवाधिकार आयोग व पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर 2021 में पचांयत चुनाव के दौरान तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक नीरज वालिया, उप निरीक्षक शैलेन्द्र तिवारी व सूर्य प्रताप सिंह सहित अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ एक महिला के घर में घुस कर मारपीट, लूटपाट और अभद्रता करने के आरोप में शुक्रवार देर शाम संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की।
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एसएचओ ने घटना का ब्यौरा देते हुए बताया कि थाना क्षेत्र के राजापुर मुफरिद गांव की साजिदा बेगम ने राज्य मानवाधिकार आयोग, पुलिस महानिदेशक सहित अन्य उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेज कर आरोप लगाया था कि उसकी रिश्तेदार तजरून निसा जिला पंचायत सदस्य पद के लिए बेलखरनाथ द्वितीय से प्रत्याशी थी, जिसके लिए उनका पुत्र शुजातउल्ला सहयोग कर रहे थे। शुजातउल्ला इलाहबाद उच्च न्यायालय व प्रतापगढ़ दीवानी अदालत में वकालत करते हैं।
शिकायत में कहा गया था कि चुनाव के दौरान 19 अप्रैल 2021 को मझानीपुर मतदान केंद्र पर बिना मत डाले मतदाताओं को वापस भेजा जा रहा था, जिसका शुजातउल्ला ने विरोध किया, तो अन्य पक्ष से उसकी कहा सुनी हो गयी, जिस पर पुलिस ने शुजातउल्ला के विरुद्ध मामला दर्ज किया।
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शिकायत में दावा किया गया है कि थाना कंधई के तत्कालीन प्रभारी नीरज वालिया ने 20 अप्रैल 2021 को पुलिस बल के साथ रात में दबिश दी और बिना कुछ पूछे घर का सामान तोड़ने फोड़ने लगे व आलमारी में रखे जेवरात समेटने के बाद उनकी बहू-बेटी से मोबाइल छीन लिया तथा उनके नाबालिग पोते-पोतियों को बिस्तर से उठा कर फेंक दिया।
मामले की जांच करने के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग, उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस अधीक्षक अमित मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट सात सितंबर 2021 को बार काउंसिल को प्रेषित की जिसमें नीरज वालिया समेत अन्य पुलिसकर्मी दोषी पाए गये। बार काउंसिल के अध्यक्ष ने भी यह रिपोर्ट तलब की थी। मानवाधिकार आयोग और डीजीपी के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज की गयी।