कड़ी सुरक्षा के बीच सीबीआई के समक्ष पेश हुए अभिषेक बनर्जी, जानिये पूछताछ में क्या हुआ खुलासा
स्कूल भर्ती मामले की जांच के सिलसिले में शनिवार को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करने का फैसला किया है।
कोलकाता: स्कूल भर्ती मामले की जांच के सिलसिले में शनिवार को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करने का फैसला किया है।
उच्च न्यायालय के फैसले के बाद ही एजेंसी द्वारा उनसे पूछताछ करने की राह साफ हुई थी।
अभिषेक निजाम महल स्थित सीबीआई कार्यालय पहुंचे और मामले की जांच के लिए नामित अधिकारियों से मिले। उनकी पेशी के मद्देनजर पूर्वाह्न 11 बजे से ही क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
सीबीआई के समक्ष पेश होने से पहले आज सुबह अभिषेक बनर्जी ने सीबीआई को एक पत्र लिखकर सूचित किया कि वह उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत का रुख कर रहे हैं जो जांच एजेंसियों-सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उनसे पूछताछ करने की अनुमति देता है।
उन्होंने लिखा, ‘‘ मैं शुरू से कहता आया हूं कि मैं यह जानकर हैरान हूं कि यह नोटिस मुझे 19 मई 2023 को दोपहर के समय भेजा गया जिसमें मुझे 20 मई 2023 को पूर्वाह्न 11 बजे कोलकाता में आपके कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया है, मुझे इसका अनुपालन करने के लिए पूरा एक दिन भी नहीं दिया गया।’’
इस बात पर जोर देते हुए कि वह पश्चिम बंगाल के लोगों से जुड़ने के लिए दो महीने की लंबी राज्यव्यापी यात्रा पर हैं...अभिषेक ने कहा कि उन्होंने सीबीआई जांच में पूर्ण सहयोग करने के लिए समन का पालन करने का फैसला किया है।
उन्होंने लिखा, ‘‘ कृपया ध्यान दें कि मैंने भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक विशेष अवकाश याचिका दायर की है, जिसमें दिनांक 18 मई 2023 के आदेश (कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पारित) को चुनौती दी गई है।’’
यह भी पढ़ें |
Hathras Case: हाथरस कांड के आरोपितों के घर पहुंची CBI टीम, परिजनों से की पूछताछ, जानिये ताजा अपडेट
उन्होंने लिखा कि सोमवार को ‘‘ भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए इसका उल्लेख किया जाएगा’’ या तब ‘‘जब माननीय न्यायालय इसकी अनुमति देगा।’’
इससे पहले सुबह इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के शीर्ष नेताओं के करीबी सुजय कृष्ण भद्र के आवास पर छापा मारा।
केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि ‘कालीघाट एर काकू’ (कालीघाट के चाचा) के नाम से महशहूर भद्र के बेहाला स्थित आवास पर छापा मारा गया।
पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी और सहायताप्राप्त स्कूलों में की गई कथित अवैध नियुक्तियों में संलिप्तता के संबंध में भद्र 15 मार्च को सीबीआई के सामने पेश हुए थे।
सीबीआई घोटाले के आपराधिक पहलू की जांच कर रही है, जबकि ईडी स्कूलों में भर्ती में कथित अनियमितताओं में धन के लेनदेन की तफ्तीश कर रही है।
बांकुड़ा में प्रचार के दौरान अभिषेक ने शुक्रवार को कहा था कि वह केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा भेजे गए समन का जवाब देने के लिए वापस कोलकाता जा रहे हैं।
अभिषेक के हरीश मुखर्जी मार्ग स्थित आवास पर सीबीआई के उपाधीक्षक द्वारा भेजे गए समन में कहा गया था, ‘‘आपको निर्देश दिया जाता है कि आप शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे मेरे समक्ष पेश हों।’’
यह भी पढ़ें |
सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम से तीसरे दिन भी की पूछताछ, जानिये क्या है मामला
समन मिलने की पुष्टि करते हुए अभिषेक ने ट्वीट किया था, ‘‘इन चीजों की परवाह किए बिना, मैं लोगों की सेवा करने का प्रयास करता रहूंगा...।’’
अभिषेक ने शुक्रवार को सीबीआई को चुनौती दी थी कि यदि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार या कदाचार का कोई सबूत है, तो वह उन्हें गिरफ्तार करे।
उन्होंने बाकुंड़ा में आयोजित रैली में कहा था, ‘‘मैं सीबीआई को चुनौती देता हूं कि यदि उनके पास मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत है, तो वे मुझे गिरफ्तार करें। वे पिछले कई साल से बंगाल में कई मामलों की जांच कर रहे हैं। यदि उनके पास मेरे खिलाफ कोई सबूत है, तो उन्हें मुझे गिरफ्तार करना चाहिए।’’
वहीं, कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की उस याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी।
एकल पीठ ने मामले में अपने फैसले में कहा था कि सीबीआई के अभिषेक को भेजे गए नोटिस पर कार्रवाई करने पर कोई रोक नहीं है।
अभिषेक का नाम घोटाले में एक आरोपी कुंतल घोष द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में सामने आया था। वहीं, घोष ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय एजेंसियां उस पर भर्ती घोटाले में अभिषेक का नाम लेने का दबाव बना रही हैं।