New Delhi: कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, सिगरेट, गुटखा और लग्जरी वाहनों के शौकीनों के लिए सरकार की नई जीएसटी दरें बड़ी खबर लेकर आई हैं। जीएसटी काउंसिल ने स्वास्थ्य के लिए हानिकारक या लग्जरी आइटम्स (सिन गुड्स) पर 40 प्रतिशत टैक्स लगाने का फैसला किया है। वहीं, आम आदमी के लिए राहत की खबर यह है कि रोजमर्रा के सामान और कई दवाओं से जीएसटी हटा दी गई है। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।
सिन गुड्स पर 40% टैक्स
केंद्र सरकार ने हानिकारक या लग्जरी उत्पादों के लिए सबसे ऊंचा टैक्स स्लैब लागू किया है। पहले ये आइटम्स 28% जीएसटी में आते थे, अब इन पर 40% टैक्स लगेगा।
• पान मसाला और गुटखा
• सिगरेट, सिगार, चुरूट और सिगारिलो
• चबाने वाला तंबाकू (जर्दा), अनमैन्युफैक्चर्ड तंबाकू, बीड़ी
• सुगंधित तंबाकू और पान मसाला
• कोल्ड ड्रिंक और कैफीन वाले एनर्जी ड्रिंक
• 1,200 सीसी (पेट्रोल) और 1,500 सीसी (डीजल) से बड़ी लग्जरी कारें
• 350 सीसी से अधिक की मोटरसाइकिलें
• रेसिंग कारें और ऑनलाइन जुआ/गेमिंग प्लेटफॉर्म
रोजमर्रा के सामान पर राहत
वहीं आम आदमी के लिए बड़ी राहत यह है कि कई आवश्यक वस्तुओं से जीएसटी हटा दी गई है।
• दूध, पनीर, छेना
• रोटी, पराठा
• कई रोजमर्रा की घरेलू चीजें
शराब पर जीएसटी क्यों नहीं?
सरकार ने शराब को जीएसटी से बाहर रखा है और इसे पूरी तरह राज्य सरकारों के नियंत्रण में छोड़ दिया है। राज्यों को इसके लिए अपने हिसाब से टैक्स लगाने की अनुमति दी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि शराब पर अलग टैक्स संरचना रखने का कारण राज्य राजस्व को सुनिश्चित करना और स्थानीय नियंत्रण बनाए रखना है।
लग्जरी वाहनों और महंगे आइटम्स
लग्जरी वाहनों के लिए भी नई दरें लागू की गई हैं। पेट्रोल की 1,200 सीसी से बड़ी कारें, डीजल की 1,500 सीसी से बड़ी कारें, और रेसिंग कारें अब 40% टैक्स स्लैब में आएंगी। इससे महंगी कारें चलाना अब और महंगा हो जाएगा।
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नई जीएसटी का प्रभाव
• आम आदमी को रोजमर्रा के सामान पर राहत मिलेगी।
• स्वास्थ्य के लिए हानिकारक आइटम्स की खपत कम करने की कोशिश होगी।
• लग्जरी और महंगे उत्पादों पर उच्च कर से राजस्व बढ़ेगा।
• शराब राज्य सरकारों के नियंत्रण में रहने से राज्यों को राजस्व में अधिक स्वायत्तता मिलेगी।